अष्टम ने श्रमिक नागेंद्र को अपनी सूंड़ से उठाकर पटक दिया। इस घटना में नागेंद्र की तुरंत मौत हो गई। वनाधिकारियों के अनुसार अष्टम की उम्र साढ़े बाइस साल है और वह गश्ती हाथी दल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सामान्य दिनों में उसे एक शिष्ट हाथी के रूप में जाना जाता है। शनिवार की []
Published: Saturday, 29 March 2025 at 10:07 pm | Modified: Saturday, 29 March 2025 at 10:07 pm | By: Kapil Sharma | 📂 Category: शहर और राज्य
अष्टम ने श्रमिक नागेंद्र को अपनी सूंड़ से उठाकर पटक दिया। इस घटना में नागेंद्र की तुरंत मौत हो गई। वनाधिकारियों के अनुसार अष्टम की उम्र साढ़े बाइस साल है और वह गश्ती हाथी दल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सामान्य दिनों में उसे एक शिष्ट हाथी के रूप में जाना जाता है।
शनिवार की सुबह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आमानाला हाथी कैंप में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। अष्टम हाथी मद में था और चारा डालने आए श्रमिक को अपने बल से पटककर मार डाला। नर हाथियों में मेटिंग सीजन के दौरान कान के पास से एक द्रव निकलता है, जिसे मद कहा जाता है। इस स्थिति में हाथी अधिक उग्र हो जाते हैं।
इस हादसे के बारे में जानकारी मिली है कि देवरी गांव के निवासी श्रमिक नागेंद्र सिंह सुबह छह बजे अष्टम को चारा डालने गए थे। इसी दौरान अष्टम ने उन्हें अपनी सूंड़ से उठाकर पटक दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वनाधिकारियों ने बताया कि अष्टम की उम्र साढ़े बाइस साल है और वह गश्ती दल में एक महत्वपूर्ण सदस्य है। सामान्य परिस्थितियों में वह बेहद शिष्ट हाथी माने जाते हैं।
ज्ञात हो कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तूफान नामक हाथी ने अष्टम को जन्म दिया था।
मृतक श्रमिक को अकुशल बताया जा रहा है। उनकी ड्यूटी हाथी की देखभाल के लिए लगी थी। हालांकि, इस तरह की जिम्मेदारियों के लिए आमतौर पर अकुशल श्रमिक ही नियुक्त होते हैं। घटना के बाद यह सवाल उठने लगा है कि जब हाथी मद में था, तो उसकी देखभाल के लिए कुशल श्रमिक को तैनात क्यों नहीं किया गया।