मणिपुर में हिंसा: सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीश मणिपुर का दौरा करेंगे। 22 और 23 मार्च को नेशनल लीगल सर्विस ऑथोरिटी (NALSA) के अध्यक्ष जस्टिस बी आर गवई के साथ जस्टिस सूर्य कांत, विक्रम नाथ, एम एम सुंदरेश, के वी विश्वंनाथन और एन कोटिश्वर सिंह मणिपुर में उपस्थित रहेंगे। ये न्यायाधीश लोगों को मुफ्त कानूनी और चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए किए गए प्रयासों का मूल्यांकन करेंगे।
ये जज लोगों को मुफ्त कानूनी और चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा करेंगे। NALSA द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि 2023 में हुई हिंसा के दौरान मणिपुर में सैकड़ों लोग मारे गए और लगभग 50 हजार लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। वर्तमान में भी हजारों लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। ऐसे में उनका मुफ्त कानूनी सहायता के प्रति जागरूक करना और हिंसा के शिकार लोगों के लिए राहत कार्यों को बढ़ावा देना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। यह आयोजन मणिपुर की स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी और NALSA द्वारा मिलकर किया जा रहा है।
NALSA का विशेष अभियान और चिकित्सा सेवा
मणिपुर हाई कोर्ट के 20 साल पूरे होने के अवसर पर ये न्यायाधीश राज्य का दौरा कर रहे हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश और NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस बी आर गवई कई कानूनी और चिकित्सा सहायता शिविरों का उद्घाटन करेंगे। चेन्नई से आई 25 डॉक्टरों की एक टीम भी वहां चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए पहुंच रही है। ये डॉक्टर 6 दिनों तक वहां रहकर लोगों की मदद करेंगे। NALSA हिंसा प्रभावितों के लिए कानूनी सहायता अभियान चलाएगा और कहा है कि वह विस्थापित लोगों की पुनर्वापसी और गरिमापूर्ण जीवन के लिए प्रयास करता रहेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह दल दंगा प्रभावितों की नष्ट या खोई हुई संपत्तियों और व्यक्तिगत दस्तावेजों के समाधान के लिए भी उपाय करेगा।
लोक अदालतों की भूमिका
यह जानना महत्वपूर्ण है कि NALSA के तहत लोक अदालतों ने पिछले वर्ष करोड़ों मामलों का निपटारा किया, जिससे अरबों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। हाल ही में आयोजित लोक अदालतों में ढाई करोड़ से अधिक मामलों का समाधान किया गया।
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