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भोपाल वक्फ बोर्ड भूमि अतिक्रमण भोपाल के 126 कब्रिस्तानों पर बस्तियां बनीं सभी जगहों पर अवैध कब्जा

भोपाल के 126 कब्रिस्तानों पर अवैध कब्जे की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इन कब्रिस्तानों … भोपाल वक्फ बोर्ड भूमि अतिक्रमण भोपाल के 126 कब्रिस्तानों पर बस्तियां बनीं सभी जगहों पर अवैध कब्जाRead more

भोपाल के 126 कब्रिस्तानों पर अवैध कब्जे की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इन कब्रिस्तानों के आसपास बस्तियां विकसित हो गई हैं और कई दुकानों और भवनों का निर्माण किया जा चुका है। मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में 150 से अधिक कब्रिस्तान दर्ज हैं, लेकिन हाल के सर्वे में केवल 15 से 24 कब्रिस्तान ही अच्छी स्थिति में पाए गए हैं।

मोहम्मद अबरार खान, नवदुनिया, भोपाल के अनुसार वक्फ कानून में किए गए ऐतिहासिक संशोधनों के चलते वक्फ संपत्तियों की लूट पर चर्चा हो रही है। यह स्पष्ट हुआ है कि भोपाल में 126 कब्रिस्तानों पर बस्तियां बस चुकी हैं और वहां कई भवन तथा दुकानें बन चुकी हैं।

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मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों के अनुसार 150 से अधिक कब्रिस्तान दर्ज हैं, लेकिन हाल के एक सर्वे में पाया गया कि केवल 15 से 24 कब्रिस्तान अच्छी स्थिति में हैं। इसके अलावा 126 से 135 कब्रिस्तानों पर अवैध कब्जा हो चुका है।

हाजी मोहम्मद इमरान, जमीअत उलमा ए हिंद की मप्र यूनिट के सचिव, का कहना है कि 1990 तक भोपाल में करीब 210 कब्रिस्तान थे, लेकिन अब केवल 15 ही मौजूद हैं। इन पर भी चारों ओर से कब्जे का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसके कारण कब्रिस्तानों का अस्तित्व संकट में है और नए कब्रों के लिए जगह मिलना मुश्किल हो रहा है। कई कब्रिस्तानों ने पक्की कब्र बनाने से मना कर दिया है और कुछ कब्रिस्तानों के रास्ते भी बाधित हो गए हैं।

यह स्थिति उन परिवारों के लिए भी भावनात्मक संकट का कारण बन रही है, जो अपने पूर्वजों के पास अपने प्रियजनों को दफनाना चाहते हैं, लेकिन अब कब्रिस्तान ही नहीं बचे हैं। वक्फ का अर्थ है अपनी संपत्ति, जमीन या भवन को अल्लाह की राह में मुस्लिम समाज के कल्याण के लिए समर्पित करना। इसका पंजीकरण होता है और इसमें वक्फ करने वाले की मंशा भी दर्ज की जाती है।

हाजी मोहम्मद इमरान ने बताया कि वक्फ संपत्तियों और कब्रिस्तानों की यह दुर्दशा वक्फ बोर्ड की जानकारी में है, फिर भी बोर्ड ने कभी भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। यदि वक्फ बोर्ड ने इन संपत्तियों का सही उपयोग किया होता तो समाज में सुधार संभव था।

कबाड़खाने का मुलकन बी और गंज शहीदा कब्रिस्तान पूरी तरह खत्म हो चुके हैं, जहां अब बस्ती और अस्पताल बन चुके हैं। छोला का फूटा मकबरा ही यहां बचा है। सेमरा कलां कब्रिस्तान में भी बस्ती बन गई है, वहीं कोलार के गेहूंखेड़ा कब्रिस्तान में अतिक्रमण है। बैरागढ़ का बूढ़ा खेड़ा कब्रिस्तान भी अतिक्रमण की चपेट में है और जहांगीराबाद में झदा के सामने वाला कब्रिस्तान भी अवैध कब्जे से प्रभावित है।

डॉ. सनव्वर पटेल, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, ने जानकारी दी कि भोपाल में 150 से अधिक कब्रिस्तान हैं, लेकिन भौतिक सत्यापन में केवल 24 ही मिलते हैं। इन कब्रिस्तानों से वक्फ बोर्ड को कोई आमदनी नहीं हो रही है, इसलिए सभी अतिक्रमणकारियों को नोटिस भेजने का काम किया जा रहा है।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb