बुधवार को न्यायाधीश के निर्देश पर कवासी लखमा की पेशी हुई। ईओडब्ल्यू ने लखमा से पूछताछ करने के लिए 10 दिन की रिमांड की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने लखमा को सात अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर ईओडब्ल्यू को सौंपने का आदेश दिया।
इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा फिर से ईओडब्ल्यू के रिमांड पर भेजे गए हैं। दरअसल, ईओडब्ल्यू ने मंगलवार को विशेष कोर्ट में लखमा के प्रोडक्शन वारंट के लिए आवेदन किया था।
बुधवार को न्यायाधीश के आदेश पर लखमा की पेशी हुई। ईओडब्ल्यू के अधिवक्ता मिथलेश वर्मा ने बताया कि दोपहर के बाद न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई शुरू की। ईओडब्ल्यू ने लखमा से पूछताछ के लिए 10 दिन का रिमांड मांगा।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने लखमा को सात अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर ईओडब्ल्यू को सौंपने का आदेश दिया। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बताया कि गुरुवार को हाई कोर्ट में लखमा की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट का आवेदन किया था, जिसके बाद उन्हें रिमांड पर भेजा गया।
डीएमएफ घोटाले के संदर्भ में, रायपुर जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, माया वारियर और मनोज द्विवेदी की न्यायिक रिमांड को बुधवार को 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया।
न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद यह निर्णय लिया। एसीबी और ईओडब्ल्यू के अधिवक्ता मिथलेश वर्मा ने बताया कि जेल प्रशासन ने पुलिस बल की कमी के कारण मामले की कोर्ट में पेशी के बजाय वीसी के माध्यम से सुनवाई करने का आवेदन दिया था।