ईओडब्ल्यू ने कचरा परिवहन में वित्तीय अनियमितताओं की जांच की, जिसमें कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से हेराफेरी का खुलासा हुआ। जिस नोटशीट पर भुगतान के लिए निर्भर किया गया, उस पर अनुशंसाकर्ता केके दुबे के हस्ताक्षर नकली पाए गए।

मुख्य बिंदु
- ईओडब्ल्यू ने जबलपुर नगर निगम के दो अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस सफाई कामगार सहकारी समिति के अध्यक्ष भी आरोपी हैं।
- जाली नोटशीट पर उल्लेखित राशि का भुगतान समिति के पक्ष में किया गया।
Newsstate24 प्रतिनिधि, जबलपुर। जबलपुर नगर निगम में जाली नोटशीट के माध्यम से कचरा परिवहन में बड़ी मात्रा में धोखाधड़ी की गई। दो अधिकारियों ने सफाई का ठेका लेने वाली समिति के साथ मिलकर सरकार को लाखों रुपये का नुकसान पहुँचाया है। इस मामले में सोमवार को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में एफआईआर दर्ज की गई है। नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जैन और नेताजी सुभाषचंद्र बोस सफाई कामगार सहकारी समिति के अध्यक्ष हेमंत करसा को आरोपित बनाया गया है। आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
समिति को लाभ पहुंचाने के लिए दोगुनी राशि का भुगतान
- नगर निगम के वार्ड क्रमांक-आठ में कचरा परिवहन हेतु सफाई ठेका समिति ने 14 लाख सात हजार 495 रुपये का बिल प्रस्तुत किया।
- जब इस बिल की नोटशीट आगे बढ़ाई गई, तो अधिकारियों ने परीक्षण के बाद इसमें कटौती की।
- समिति के लिए छह लाख चार हजार 495 रुपये के भुगतान की अनुशंसा की गई। जब भुगतान का समय आया, तो असली नोटशीट गायब कर दी गई।
- इसके स्थान पर 13 लाख 17 हजार 510 रुपये की कूटरचित नोटशीट पेश की गई।
- जाली नोटशीट पर लिखी गई राशि का भुगतान समिति के पक्ष में किया गया।
आठ लाख रुपये से अधिक का फर्जीवाड़ा
स्वास्थ्य अधिकारी, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी और सफाई ठेका समिति के अध्यक्ष ने मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। समिति को आठ लाख 20 हजार 233 रुपये अधिक राशि का भुगतान किया गया।