रंगपंचमी के अवसर पर शहर के विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों द्वारा खास कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। प्रमुख बाजारों में रंग, गुलाल, पिचकारियों और अन्य सामग्री की दुकानों पर फिर से भीड़ देखने को मिलेगी।

मुख्य बातें
- यह पर्व होली के पांचवें दिन मनाया जाता है।
- इस दिन को धूल पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।
- लोग ढोलक की थाप पर फाग गाएंगे और झूमेंगे।
Newsstate24 प्रतिनिधि, बिलासपुर। होली की खुशियों के बाद अब रंगपंचमी की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस साल 19 मार्च को क्षेत्र में रंगपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व होली के पांचवें दिन आता है और विशेष रूप से बिलासपुर शहर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
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प्रमुख बाजारों में रंग, गुलाल, पिचकारियों और अन्य वस्तुओं की दुकानों पर फिर से भीड़ देखने को मिलेगी। गोलबाजार, सिटी कोतवाली, शनिचरी बाजार और तेलीपारा में दुकानें सजेंगी। शहर के विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों द्वारा रंगपंचमी के अवसर पर विशेष कार्यक्रमों की योजना बनाई जा रही है।
स्थानीय कलाकार पारंपरिक नृत्य, संगीत और रंगारंग झांकियों का प्रदर्शन करेंगे। स्थानीय समितियां मिलकर सड़कों पर रंगोत्सव का आयोजन करेंगी, जहां लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर पर्व का आनंद लेंगे।
बच्चों और युवाओं में विशेष उत्साह
बच्चों और युवाओं में रंगपंचमी को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। त्योहार के मौके पर बाजारों में रौनक बढ़ गई है। बिलासपुर में रंगपंचमी का पर्व सामाजिक समरसता, भाईचारे और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में इस पर्व की धूम देखने लायक होती है, जहां लोग मिलजुलकर रंगों के इस त्योहार का आनंद लेते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी जोर-शोर से तैयारी
बिलासपुर के आस-पास के गांवों में भी रंगपंचमी का खास महत्व है। गांवों में सामूहिक होली मिलन समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसे धूल पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन लोग ढोलक, मंजीरा और अन्य वाद्ययंत्रों के साथ फाग गीत गाते हैं। पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल होता है।
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होली मिलन समारोह की धूम
रंगों के इस त्योहार की मस्ती अभी भी जारी है। शहर में विभिन्न संगठनों, संस्थानों और सामाजिक समूहों द्वारा होली मिलन समारोह का सिलसिला चल रहा है। इन आयोजनों में लोग आपसी भेदभाव भुलाकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर बधाइयां दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ बांगला अकादमी द्वारा टिकरापारा स्थित बंग भवन में 228वीं मासिक साहित्य संगोष्ठी का आयोजन होली मिलन एवं वसंत उत्सव के रूप में किया गया। इस दौरान कविता पाठ, समूह और एकल संगीत, नाटक, नृत्य एवं वसंत पर चर्चा जैसे विभिन्न मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
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होली पर जेपी हाईट्स विकास समिति द्वारा शुभम विहार वार्ड 15 के पार्षद नितिन पटेल का भव्य नागरिक अभिनंदन किया गया। गोकुलधाम जेपी हाइट्स और शुभमविहार में संस्कार और संस्कृति को जीवंत रखते हुए तिलक और फूलों की होली धूमधाम से मनाई गई। इस उत्सव में रंगों की जगह परंपरागत रूप से फूलों और तिलक का उपयोग किया गया, जिससे माहौल भक्तिमय और उल्लासपूर्ण बन गया।