Nagpur Violence: नागपुर के महाल क्षेत्र में दो समूहों के बीच झड़प के बाद हिंसा भड़क उठी, जिसमें पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं। हिंदुत्वादी संगठनों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की थी।

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सोमवार रात महाराष्ट्र के नागपुर के महाल क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी।
नागपुर. औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद के बीच नागपुर के महाल क्षेत्र में रात के समय दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई। देखते ही देखते उपद्रवियों ने पथराव शुरू कर दिया और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आरोप है कि बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के प्रदर्शन के दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने पथराव किया, जिसके परिणामस्वरूप वहां हिंसा भड़की।
पिछले कुछ समय से हिंदुत्ववादी संगठनों ने छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया था। सोमवार सुबह विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शिवाजी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। इसी बीच शाम के समय एक अफवाह फैल गई कि मुस्लिम समुदाय के पवित्र ग्रंथ को जलाया गया है, जिससे पूरा क्षेत्र सुलग उठा।
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स्थानीय निवासियों के अनुसार, लगभग 200 से 300 लोगों की भीड़ अचानक आई और उन्होंने घरों पर पथराव करना शुरू कर दिया। इलाके में खड़ी गाड़ियों को तोड़ दिया गया और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हमलावरों ने अपने चेहरे ढक रखे थे और कुछ के पास पेट्रोल बम भी थे। एक स्थानीय निवासी ने बताया, ‘हमने आज तक ऐसी घटना नहीं देखी। हमारे घरों की खिड़कियों पर पत्थर बरसाए गए। भीड़ में कोई भी स्थानीय नहीं था। एक वृद्ध महिला की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया।’
हिंसा के दौरान पुलिस उपायुक्त (DCP) निकेतन कदम पर भी हमला हुआ। भीड़ में शामिल एक अज्ञात व्यक्ति ने उन पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिससे उनके हाथ में गंभीर चोट आई है। उन्हें तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल क्षेत्र में तैनात है। फिलहाल सुरक्षा व्यवस्था नियंत्रण में है। पथराव करने वाले 20 से 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है। लोगों से घरों के बाहर न निकलने की अपील की गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोमवार दोपहर को नागपुर में कुछ संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। वे जिला कलेक्टर कार्यालय के पास प्रदर्शन कर रहे थे, तभी दो समूहों के बीच मामूली विवाद उत्पन्न हो गया। इसे कुछ ही देर में सुलझा लिया गया। हालाँकि, शाम 7 से 7:30 बजे के बीच एक बड़ा समूह शिवाजी चौक पहुंचा और नारेबाजी करने लगा। वे दोपहर में हुए विरोध प्रदर्शन से नाराज थे। जैसे ही नारेबाजी शुरू हुई, वहां मौजूद दूसरे समूह ने भी विरोध करना शुरू कर दिया। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची।
हालात को नियंत्रित करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के अंतर्गत पूरे क्षेत्र में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। नागपुर पुलिस आयुक्त रवींद्र कुमार सिंगल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह प्रतिबंध अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।
कर्फ्यू का दायरा कोतवाली, गणेशपेठ, तहसील, लकड़गंज, पाचपावली, शांति नगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर, कपिल नगर में लगाया गया है। प्रशासन ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और कानून का पालन करने की अपील की है।
घटना के संदर्भ में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुरवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘नागपुर एकता और भाईचारे का शहर है। हिंसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।’
मध्य नागपुर के विधायक प्रवीण दटके ने इस घटना को ‘पूर्व नियोजित साजिश’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘सुबह का आंदोलन शांतिपूर्ण था, लेकिन रात को योजनाबद्ध तरीके से बाहर से लोगों को बुलाकर हमला किया गया। भीड़ ने आगजनी की और पुलिसकर्मियों पर हमला किया। मुख्यमंत्री से मांग है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।’
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा राज्य के गृह विभाग की विफलता को दर्शाती है। सपकाल ने इस हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित करार देते हुए विदर्भ के सबसे बड़े शहर के नागरिकों से संयम और शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘नागपुर में चल रहे तनाव, पथराव और आगजनी गृह विभाग की गंभीर विफलता है। पिछले कुछ दिनों से राज्य के मंत्री जानबूझकर समाज में हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि नागपुर में उनकी कोशिशें सफल हो गई हैं.’
फिलहाल नागपुर पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए है। क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है। प्रशासन ने नागरिकों से अफवाहों पर ध्यान न देने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है。