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कंपनी के नोडल अधिकारी मनोज द्विवेदी ने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश सरकार की लाभकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए बिजली उपभोक्ताओं के लिए ईकेवायसी कराना जरूरी है। उपभोक्ता उपाय एप के जरिए भी अपनी ईकेवायसी करवा सकते हैं।

HighLights
- भोपाल समेत 16 जिलों में छह लाख 82 हजार उपभोक्ताओं ने प्रक्रिया पूरी की।
- ग्रामीण क्षेत्रों में 38 हजार और शहरी क्षेत्रों में 63 हजार उपभोक्ता शामिल हैं।
- समग्र आइडी, मोबाइल नंबर, बैंक खाता इत्यादि को अपडेट किया जा रहा है।
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। प्रदेश में ईकेवायसी कराने पर ही बिजली उपभोक्ताओं को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। इस उद्देश्य के लिए बिजली कंपनी द्वारा निरंतर प्रक्रिया के अंतर्गत ईकेवायसी करवाई जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 16 जिलों में कुल छह लाख 82 हजार 742 उपभोक्ताओं ने ईकेवायसी करवा ली है।
भोपाल में एक लाख से अधिक उपभोक्ताओं ने की ईकेवायसी
- राजधानी भोपाल में एक लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं ने ईकेवायसी करवाई है। इनमें ग्रामीण क्षेत्र के 38 हजार 800 और शहरी क्षेत्र के 63 हजार 781 उपभोक्ता शामिल हैं।
- इसके अतिरिक्त, नर्मदापुरम ग्रामीण में 72 हजार, बैतूल ग्रामीण में 91 हजार 434, राजगढ़ ग्रामीण में 53 हजार 236, गुना ग्रामीण में 32 हजार 389, विदिशा ग्रामीण में 50 हजार 725, सीहोर ग्रामीण में 24 हजार 254, ग्वालियर ग्रामीण में 21 हजार 115, तथा शहर वृत्त ग्वालियर में 47 हजार 300 उपभोक्ताओं ने ईकेवायसी करवाई है।
- अशोकनगर ग्रामीण में 26 हजार 384, दतिया ग्रामीण में 25 हजार 390, रायसेन ग्रामीण में 44 हजार 105, शिवपुरी ग्रामीण में 26 हजार 048, और हरदा ग्रामीण में 20 हजार 993 उपभोक्ता भी शामिल हैं।
- श्योपुर ग्रामीण में 09 हजार 695, मुरैना ग्रामीण में 24 हजार 119, और भिंड ग्रामीण में 10 हजार 973 बिजली उपभोक्ताओं की ईकेवायसी की गई है।
नो योर कंज्यूमर (केवायसी)
- बिजली कंपनी ने 16 जिलों के उपभोक्ताओं के बिजली से संबंधित व्यक्तिगत विवरण को कंपनी के रिकॉर्ड में अपडेट करने के लिए नो योर कंज्यूमर (केवायसी) प्रक्रिया शुरू की है।
- इस प्रक्रिया के अंतर्गत उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी जैसे समग्र आइडी, मोबाइल नंबर, बैंक खाता आदि को अपडेट किया जा रहा है।
- इससे उपभोक्ताओं को राज्य शासन की योजनाओं का लाभ सीधे लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से प्राप्त होगा और प्रणाली में अधिक पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी।