मध्य प्रदेश के मऊगंज में पुलिस पर हमला: एएसआई की दुखद मृत्यु, सीएम का कड़ा एक्शन

मुख्य बिंदु
- गड़रा गांव में दो गुटों के बीच विवाद की जड़ें गहरी थीं।
- पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कदम उठाए।
- हमलावरों ने पुलिस टीम पर जानलेवा हमला किया।
Newsstate24 प्रतिनिधि, मऊगंज। शनिवार का दिन मध्य प्रदेश के गड़रा गांव में एक ऐसी घटना के साथ शुरू हुआ, जिसने सभी को हिला कर रख दिया। जब पुलिस की एक टीम, जो गांव में ताजा तनाव को सुलझाने का प्रयास कर रही थी, उस समय एएसआई रामचरण गौतम ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। यह न केवल हमारे जांबाज पुलिसकर्मियों के लिए एक गहरा सदमा है, बल्कि पूरे समुदाय के लिए भी एक दुखद क्षण है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अमानवीय हमले की कड़ी निंदा करते हुए अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। इस गंभीर मामले को लेकर, डीजीपी कैलाश मकवाना ने भी घटनास्थल का दौरा करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर बयान देते हुए लिखा, “गड़रा गांव में दो गुटों के बीच संघर्ष की सूचना मिलते ही, मैंने तुरंत पुलिस टीम को भेजने का आदेश दिया, जिसमें तहसीलदार और थाना प्रभारी भी शामिल थे। दुर्भाग्यवश, इस हमले में हमारे एक साहसी पुलिसकर्मी ने अपनी जान दे दी।” उनके शब्दों में गहरी संवेदनशीलता है, जो इस दुःखद घटना की गंभीरता को बखूबी उजागर करती है।
सीएम ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। इसके साथ ही, अन्य गंभीर रूप से घायल पुलिसकर्मियों को रीवा के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर बारीकी से निगरानी रखी जा रही है।
डीजीपी को स्थिति की निगरानी के निर्देश
इस दिल दहला देने वाली घटना के तुरंत बाद, क्षेत्र में धारा 163 लागू कर दी गई। डीआईजी रीवा, एसपी मऊगंज और अन्य पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तत्परता से कदम उठाए। एडीजी रीवा जोन भी घटनास्थल का दौरा करने के लिए पहुंचे हैं। मैंने डीजी पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वे स्वयं मौके पर जाकर स्थिति का अवलोकन करें। इस अमानवीय और दुखद घटना में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।