इंदौर में चैंबरों की स्थिति के कारण एक महिला की जान चली गई। नगर निगम हर साल 22 करोड़ रुपये चैंबरों की देखभाल पर खर्च करता है, लेकिन स्थिति अब भी खराब है। कहीं ढक्कन टूटे हुए हैं तो कहीं चैंबर ज्यादा ऊंचे बनाए गए हैं। नगर निगम अब एजेंसियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की योजना बना रहा है।

HighLights
- सड़क के चैंबर के गैप में बाइक का पहिया चला गया था।
- बाइक पर पीछे बैठी महिला गिर गई और सिर में चोट आई।
- अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
Newsstate24 प्रतिनिधि, इंदौर। चैंबरों की देखभाल के लिए नगर निगम हर साल 22 करोड़ रुपये खर्च करता है, फिर भी स्थिति बेहद खराब है। कहीं ढक्कन टूटे हुए हैं तो कहीं चैंबर जरूरत से ज्यादा ऊंचे हैं। हाल ही में एक महिला की मौत के बाद नगर निगम शहर के चैंबरों की जांच कराने की योजना बना रहा है।
जांच का उद्देश्य यह देखना होगा कि जिन एजेंसियों को चैंबरों की देखभाल का काम सौंपा गया है, वे अपने कार्य को ठीक से निभा रही हैं या नहीं। सवाल यह भी उठता है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद नगर निगम ने अब तक इन एजेंसियों के कार्य की निगरानी क्यों नहीं की।
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चैंबरों के सुधार का अभियान शुरू
महिला की मौत के बाद निगम ने चैंबरों के सुधार का अभियान भी शुरू कर दिया है। शनिवार को सेंट पाल स्कूल के पास एक सड़क हादसे में एक महिला की जान चली गई। महिला अपने पति के साथ बाइक पर जा रही थी।
चैंबर अचानक सामने आने के कारण बाइक उस गैप में चली गई और महिला सड़क पर गिर गई। वह बेहोश हो गई थी। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इस हादसे ने एक बार फिर चैंबरों की स्थिति की गंभीरता को उजागर कर दिया।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि चैंबरों की देखभाल के लिए वार्ड और जोनवार एजेंसियों का चयन किया गया है। शिकायत मिलने पर ये एजेंसियां आवश्यक सुधार करती हैं। Newsstate24 की टीम ने रविवार को सड़क पर जाकर सत्यता की जांच की तो पाया कि सैकड़ों चैंबर ऐसे हैं जो खराब स्थिति में हैं। न तो जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान दे रहे हैं और न ही संबंधित एजेंसी।
छह इंच ऊंचे बनाए गए चैंबर
Newsstate24 की टीम एयरपोर्ट के सामने शक्ति नगर पहुंची। यहां हाल ही में बनाए गए चैंबरों की स्थिति देखकर टीम हैरान रह गई। सड़क से लगभग छह इंच ऊंचाई पर बनाए गए इन चैंबरों के कारण लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि चैंबर बनाते समय उन्होंने इस पर आपत्ति की थी, लेकिन उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं था। चैंबरों की ऊंचाई के कारण लोगों ने अपने घरों के बाहर सीमेंट बिछा दिया है, ताकि सड़क और चैंबर के बीच का अंतर कम हो सके।
एजेंसियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे
चैंबरों के रखरखाव की निगरानी के लिए एक व्यवस्था बनाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही जीओ टैगिंग लागू की जाएगी। लापरवाही बरतने वाली एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर चैंबर की शिकायत मिलती है तो एजेंसी को कार्रवाई करनी चाहिए, यदि वे ऐसा नहीं कर रहे हैं तो हम कार्रवाई करेंगे। – अभिषेक शर्मा, जनकार्य समिति प्रभारी