कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या में वृद्धि के साथ ही उनके भोजन के लिए चीतलों की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए एक ब्रीडिंग एन्क्लोजर तैयार किया जा रहा है जिससे चीतों के लिए आहार की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी और उनकी सुरक्षा भी बेहतर होगी। यह परियोजना चीतों के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कूनो नेशनल पार्क में चीतों की संख्या अब 26 हो गई है। इनमें से 17 चीतें जंगल में सक्रिय हैं। चीतलों की ब्रीडिंग के लिए कूनो क्षेत्र के बागचा गांव में 50 हेक्टेयर में बाड़ा तैयार किया जा रहा है।
Also Read: ससुर के खिलाफ देशभर में चर्चा का मामला: महिला और उसके समर्थन में फोन में 23 वीडियों की जांच
कूनो प्रबंधन के अनुसार, इस ब्रीडिंग एन्क्लोजर का 70 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। यहां इतनी संख्या में चीतल का प्रजनन किया जाएगा कि चीतों के लिए साल भर पर्याप्त आहार की व्यवस्था हो सके। हालांकि, चीतों की बढ़ती संख्या के बावजूद, आहार की कमी के कारण वे आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं।
हाल ही में, ज्वाला चीता ने अपने चार शावकों के साथ विजयपुर के श्यामपुर गांव में जाकर एक किसान के खेत में बंधी छह बकरियों का शिकार किया। इससे पहले भी उसने गांव में बछड़े का शिकार करने की कोशिश की थी।
सिंह परियोजना के निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि बागचा गांव में चीतल के ब्रीडिंग एन्क्लोजर का कार्य तेजी से चल रहा है। इस ब्रीडिंग सीजन में बड़ी संख्या में चीतल को जंगल में छोड़ा जा सकेगा।
जंगल में घूमने वाले चीतों का आबादी वाले क्षेत्रों में जाना उनकी सुरक्षा के लिए खतरा है। हाल ही में, एक वीडियो में एक ग्रामीण, सत्या गुर्जर, चीतों को पानी पिलाते हुए देखा गया। ज्वाला चीता और उसके शावकों ने ऊमरीकलां गांव में बकरियों का शिकार करने के बाद डोब गांव में आराम किया। ग्रामीण ने चीतों के लिए पानी लाकर उन्हें पिलाया।
इस तरह की व्यवस्थाएं चीतों की सुरक्षा और उनके प्राकृतिक आवास में स्थायित्व बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं।