शुक्रवार सुबह गडरा गांव के एक घर से पुलिस को औसेरी साकेत, उसकी बेटी मीनाक्षी और बेटे अमन के शव मिले। यह शव पूरी तरह सड़-गल चुके थे। जब सुबह नौ बजे शव गांव पहुंचे, तो स्थानीय निवासियों ने एंबुलेंस को घेर लिया और अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। ग्रामीण सीबीआई जांच की मांग पर भी अड़े रहे।
गडरा गांव में शुक्रवार दोपहर फांसी के फंदे पर लटके मिले शवों का शनिवार को सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया। सुबह पोस्टमार्टम के बाद जब शव गांव पहुंचे, तो परिवार और ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार से इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और सीबीआई जांच कराई जाए। इस दौरान कलेक्टर संजय जैन और एसपी दिलीप सोनी मौके पर पहुंचे। समझाइश देने के बाद ग्रामीण मान गए।
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इस मामले में आईजी रीवा गौरव राजपूत ने अंकिता सुल्या को हटाकर आईजी कार्यालय से जोड़ दिया है। कलेक्टर ने बताया कि ग्रामीणों की मांग पर सीबीआई जांच का प्रस्ताव चर्चा के बाद भेजा जाएगा। इसके साथ ही एसडीओपी मऊगंज को भी आईजी कार्यालय से अटैच किया गया है।
सुबह नौ बजे जैसे ही शव गांव पहुंचे, ग्रामीणों ने एंबुलेंस को घेर लिया और अंतिम संस्कार से मना कर दिया। वे सीबीआई जांच की मांग पर अड़े रहे। आक्रोश को देखते हुए मऊगंज और रीवा सहित पांच जिलों का पुलिस बल गांव में तैनात किया गया था। काफी समय तक समझाने के बाद कलेक्टर ने शासन को प्रस्ताव भेजने की बात बताई और आईजी रीवा गौरव राजपूत ने एसडीओपी मऊगंज को आईजी कार्यालय से अटैच करने की जानकारी दी। इसके बाद ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए मान गए। मृतक का बेटा पवन साकेत ने बताया कि अभी तक सीबीआई जांच की कोई घोषणा नहीं की गई है।