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नो स्मोकिंग डे: धूम्रपान के कारण इन रोगों का जोखिम बढ़ जाता है, जीवन की अवधि इतनी घट जाती है।

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No Smoking Day 2025 observed annually on the second Wednesday of March read full article in hindi No Smoking Day: स्मोकिंग की वजह से बढ़ जाता है इन बीमारियों का खतरा, इतनी कम हो जाती है जिंदगी

धूम्रपान से कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारियों, और मधुमेह जैसे कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ता है। इसके कारण गंभीर बीमारियों का जोखिम काफी अधिक हो जाता है। धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का एक मुख्य कारण है, और यह मुंह, गले, आंत, मूत्राशय, किडनी, पैंक्रियाज, पेट, अंडाशय, और ल्यूकेमिया में कैंसर के जोखिम को भी बढ़ाता है। लगभग 80% फेफड़ों के कैंसर के मामले और इससे होने वाली मौतें धूम्रपान के कारण होती हैं। इसके अलावा, धूम्रपान कोलोरेक्टल और यकृत कैंसर के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

हृदय की धमनियों में प्लाक जमना: धूम्रपान हृदय और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक, और परिधीय धमनी रोग का खतरा बढ़ जाता है। यह एथेरोस्क्लेरोसिस की स्थिति उत्पन्न कर सकता है, जिसमें धमनियों में प्लाक बनता है जो रक्त संचार में बाधा डाल सकता है। इससे दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ता है। धूम्रपान से रक्त के थक्के बनने, एनजाइना, और हार्ट फेल का जोखिम भी बढ़ जाता है।

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फेफड़ों की बीमारी: धूम्रपान क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) का एक प्रमुख कारक है, जिसमें वातस्फीति और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस शामिल हैं। यह अस्थमा के लक्षणों को भी बढ़ा सकता है और सांस की नली में संक्रमण का जोखिम बढ़ा सकता है। इसके अलावा, धूम्रपान फेफड़ों में जख्म (पल्मोनरी फाइब्रोसिस) भी उत्पन्न कर सकता है।

मधुमेह: धूम्रपान टाइप 2 मधुमेह के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है, और यह इस बीमारी के गंभीर लक्षणों को और खराब कर सकता है। जैसे, हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, पैरों में खराब रक्त प्रवाह, और तंत्रिका संक्रमण का जोखिम बढ़ता है।

संक्रमण: धूम्रपान इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है, जिससे व्यक्ति निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, और तपेदिक जैसी संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।

रुमेटीइड गठिया: धूम्रपान रुमेटीइड गठिया और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों के विकास के लिए एक जोखिम कारक है।

इसके अलावा, धूम्रपान से मोतियाबिंद जैसी गंभीर बीमारियों का भी खतरा बढ़ सकता है।

प्रजनन स्वास्थ्य: धूम्रपान पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह गर्भावस्था में जटिलताओं का जोखिम भी बढ़ा सकता है, जैसे कि कम वजन का बच्चा और समय से पहले जन्म।

दांतों की समस्याएं: धूम्रपान मसूड़ों की बीमारी, दांतों का गिरना, और सांसों की बदबू का कारण बन सकता है।

कम सुनाई देना: धूम्रपान सुनने की क्षमता में कमी का कारण भी बन सकता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यह बताना आवश्यक है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता। किसी भी जानकारी या मान्यता को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb

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