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“बाज़ीगर की सफलता की कहानी: शाहरुख, काजोल, शिल्पा और आदि ईरानी का योगदान!”

**अंतिम अपडेट:** 16 मार्च, 2025, 09:46 IST ## शाहरुख, काजोल और शिल्पा की ‘बाज़ीगर’: एक फिल्म … “बाज़ीगर की सफलता की कहानी: शाहरुख, काजोल, शिल्पा और आदि ईरानी का योगदान!”Read more

**अंतिम अपडेट:** 16 मार्च, 2025, 09:46 IST

## शाहरुख, काजोल और शिल्पा की ‘बाज़ीगर’: एक फिल्म जो बनी सफलता की कहानी

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फिल्म ‘बाज़ीगर’ ने बॉलीवुड में एक नई हलचल मचाई थी, जिसमें शाहरुख खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी जैसे दिग्गज सितारों ने शानदार अभिनय किया। यह फिल्म न केवल इन सितारों के करियर का टर्निंग पॉइंट बनी, बल्कि भारतीय सिनेमा की एक मील का पत्थर भी साबित हुई।

![काजोल की ब्लॉकबस्टर फिल्म का हीरो, बेटी के लिए दूध खरीदने तक के नहीं थे पैसे](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2025/03/adi-irani-2025-03-a4bf54e0c5dc52a9fa622196a5b71057.jpg?impolicy=website&width=640&height=480)

### फिल्म के हाइलाइट्स:
– ‘बाज़ीगर’ ने दिया शाहरुख, सलमान और शिल्पा को नई पहचान।
– आदि ईरानी को नहीं मिली पहचान, संघर्ष की कहानी।
– आर्थिक तंगी के बावजूद सपनों को न छोड़ा।

**नई दिल्ली:** शाहरुख खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी की ‘बाज़ीगर’ ने बॉक्स ऑफिस पर अभूतपूर्व सफलता हासिल की। यह फिल्म मात्र 4 करोड़ के बजट में बनी थी, जिसने पूरे विश्व में 32 करोड़ का कारोबार किया। हालांकि, इस फिल्म में विक्की मल्होत्रा का किरदार निभाने वाले अभिनेता आदि ईरानी की कहानी कुछ अलग है।

आदि ईरानी ने ‘अनाड़ी’ (1993) और ‘बाज़ीगर’ (1993) जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन फिर भी वे इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में असफल रहे। उन्होंने अपनी कठिनाइयों का जिक्र करते हुए बताया कि कई बार उनके पास अपनी बेटी के लिए दूध खरीदने तक के पैसे नहीं थे।

### “5 रुपए के लिए मोहताज थे”
फिल्मीतंत्र मीडिया के साथ बातचीत में, आदि ईरानी ने कहा, “मेरी पहली बेटी का जन्म 1995 में हुआ था, और उस समय दूध की कीमत 5 रुपए थी। कभी-कभी मेरे पास वह भी नहीं होता था। मुझे रोज़ काम की तलाश में शहर में घूमना पड़ता था।”

### “काम की तलाश में दर-दर की ठोकरें”
आदि ने बताया कि जब वे पेट्रोल का खर्च नहीं उठा पाते थे, तो वे बस स्टॉप तक पैदल चलते थे। “लोग मुझसे पूछते थे कि मैं वहां क्या कर रहा हूँ, और मैं कहता था कि मैं एक दोस्त का इंतजार कर रहा हूं,” उन्होंने साझा किया।

आदि ने अपनी बहन अरुणा ईरानी का भी उल्लेख किया, जो कई बार उनकी मदद करने की पेशकश कर चुकी थीं। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मदद नहीं ली कि यह उनकी अपनी यात्रा है और उनकी बहन का भी अपना परिवार है।

**निष्कर्ष:** ‘बाज़ीगर’ केवल एक फिल्म नहीं थी; यह संघर्ष, सपनों और असफलताओं की एक कहानी है। आदि ईरानी की कहानी हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी सफलता की चमक के पीछे एक कठिन यात्रा होती है।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb