Tata Semiconductor Chip Plant: टाटा ग्रुप और ताइवान की कंपनी पारवरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन मिलकर गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा स्थापित कर रहे हैं। इस बड़े सेमीकंडक्टर चिप प्लांट के विस्तार के लिए टाटा ग्रुप ने गुजरात सरकार से 80 एकड़ भूमि की मांग की है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, पहले गुजरात सरकार ने कंपनी को 20 एकड़ भूमि आवंटित की थी।
इस काम में होगा जमीन का उपयोग
रिपोर्ट के अनुसार, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अतिरिक्त भूमि का उपयोग लगभग 4,000 कर्मचारियों के लिए आवास क्वॉर्टर बनाने में करेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस आवास सुविधा में स्टूडियो अपार्टमेंट, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और खेल के मैदान जैसी अन्य सुविधाएं भी होंगी। इसके अलावा, गुजरात सरकार ने आवश्यकतानुसार धोलेरा में प्लांट के विस्तार के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को 63 एकड़ अतिरिक्त भूमि देने का भी आश्वासन दिया है।
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2027 से प्लांट शुरू होगा
धोलेरा सेमीकंडक्टर प्लांट भारत की पहली चिप फैब्रिकेशन यूनिट है, जिसे पिछले साल फरवरी में केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दी गई थी। यह प्लांट केंद्र के भारत सेमीकंडक्टर मिशन का हिस्सा है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, चिप प्लांट का संचालन 2027 से प्रारंभ होगा। धोलेरा में इस चिप फैब्रिकेशन यूनिट के निर्माण में टाटा ग्रुप को 91,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा, जबकि भूमि की कीमत लगभग 200 करोड़ रुपये है। कंपनी प्लांट और अन्य सुविधाओं पर 15,710 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
सेमीकंडक्टर चिप क्या है?
सेमीकंडक्टर चिप का उपयोग लैपटॉप, घरेलू उपकरणों, डेटा सेंटर्स और वाहनों जैसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में होता है। यह सिलिकॉन से बना एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसका इस्तेमाल डेटा प्रोसेसिंग के लिए किया जाता है। सेमीकंडक्टर में विद्युत सुचालक और कुचालक दोनों के गुण होते हैं, और यह विद्युत प्रवाह को नियंत्रित करता है। ये किसी उत्पाद या गैजेट की नियंत्रण से लेकर मेमोरी कार्यों तक को संचालित करते हैं।
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