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विदेशी मुद्रा भंडार में 15.26 अरब डॉलर की बढ़ोतरी: आरबीआई

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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 15.26 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 653.96 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो पिछले दो वर्षों में सबसे तेज बढ़ोतरी है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, यह वृद्धि 10 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा विनिमय के कारण हुई. वहीं, गोल्ड रिजर्व 1.05 अरब डॉलर घटकर…

भारत के पास विदेशी करेंसी में तगड़ा उछाल, 2 साल के रिकॉर्ड लेवल पहुंचा रिजर्वभारत का विदेशी मुद्रा भंडार दो साल के उच्चतम स्तर पर है.

मुख्य बिंदु

  • विदेशी मुद्रा भंडार 15.26 अरब डॉलर बढ़कर 653.96 अरब डॉलर हो गया है.
  • यह वृद्धि आरबीआई द्वारा 10 अरब डॉलर के विनिमय के माध्यम से हुई है.
  • सोने का भंडार 1.05 अरब डॉलर घटकर 74.32 अरब डॉलर रह गया है.

नई दिल्ली. देश का विदेशी मुद्रा भंडार 7 मार्च को समाप्त सप्ताह में 15.26 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 653.96 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले दो वर्षों में सबसे तेज वृद्धि है. यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने साझा की. पिछले सप्ताह यह भंडार 1.78 अरब डॉलर घटकर 638.69 अरब डॉलर पर आ गया था. रुपये में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए आरबीआई ने विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया, जिसके कारण हाल ही में भंडार में कमी का रुख देखा गया. सितंबर 2024 के अंत में, विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

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समीक्षाधीन सप्ताह में हुई इस बड़ी वृद्धि का श्रेय 28 फरवरी को केंद्रीय बैंक के द्वारा किए गए 10 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा विनिमय को दिया जा रहा है, जब उसने रुपये के मुकाबले डॉलर खरीदे थे ताकि प्रणाली में तरलता बढ़ाई जा सके. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा आस्तियों में 13.99 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 557.28 अरब डॉलर हो गया. डॉलर के संदर्भ में विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल है.

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हालांकि, इस सप्ताह में गोल्ड रिजर्व का मूल्य 1.05 अरब डॉलर घटकर 74.32 अरब डॉलर रह गया. विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 21.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.21 अरब डॉलर हो गया. भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 6.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.14 अरब डॉलर रहा.

फॉरेन करेंसी रिजर्व की महत्वता
विदेशी मुद्रा भंडार का अधिक होना देश की आर्थिक स्थिरता को मजबूत करता है. इससे सरकार और केंद्रीय बैंक को आयात भुगतान, कर्ज चुकाने और वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान रुपये को स्थिर रखने की क्षमता मिलती है. यह विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है, जिससे देश में निवेश आकर्षित होता है. उच्च रिजर्व से मुद्रा संकट की संभावनाएं कम होती हैं और देश अंतरराष्ट्रीय बाजार में मजबूत स्थिति बनाए रखता है. इसके अलावा, यह अर्थव्यवस्था को अचानक झटकों से बचाने और आवश्यकता पड़ने पर नीतिगत हस्तक्षेप करने में मदद करता है.

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb