मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक अहम निर्णय सुनाया है, जिसमें यूपीएससी परीक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट देने से मना कर दिया गया है। यह फैसला 20 याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई के बाद लिया गया है।

HighLights
- कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस वर्ग को आयु सीमा में छूट देने से इनकार किया।
- यूपीएससी परीक्षा में ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों को झटका।
- फैसले से ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट नहीं।
Newsstate24 प्रतिनिधि, जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की पीठ ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट देने की मांग पर सुनवाई पूरी करने के बाद अपना निर्णय सुनाया।
कोर्ट ने 20 याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों की दलीलों के महत्वपूर्ण बिंदुओं को रिकॉर्ड में लिया और इसके बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। अब इस निर्णय को सार्वजनिक करते हुए मांग को अस्वीकृति दी गई है।
दरअसल, सतना के निवासी आदित्य नारायण पांडे समेत 20 ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों ने याचिकाएं दायर की थीं। उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अन्य ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा।
इन्होंने रखा पक्ष
आशुतोष चौबे, काशी प्रसाद शुक्ला और प्रदीप कुमार मिश्रा समेत अन्य की याचिकाओं में वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, रमेश प्रजापति और एस कौल ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क किया कि जिस प्रकार पूर्व में माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में ईडब्ल्यूएस को पांच वर्ष की आयु सीमा की छूट दी गई थी, उसी तरह यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा-2025 में भी ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को यह लाभ मिलना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि ईडब्ल्यूएस को भी एससी, एसटी और ओबीसी की तरह आयु सीमा में छूट का लाभ मिलना चाहिए। इसलिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह केंद्रीय भर्तियों में अन्य वर्गों के समान ईडब्ल्यूएस को भी आयु सीमा में छूट का प्रावधान करे।