**रमजान 2025: उन लोगों की दुआएं अल्लाह स्वीकार नहीं करते, इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं**
रमजान का महीना विशेष रूप से दुआओं और मगफिरत का समय होता है। इस दौरान, मुसलमान अपनी ज़िन्दगी की बेहतरी के लिए अल्लाह से प्रार्थना करते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनकी दुआएं अल्लाह तक नहीं पहुंचतीं।
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जब इंसान के दिल में सच्चाई और ईमान की कमी होती है, तो उनकी दुआओं का स्वीकार होना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में उनकी इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं।
इसलिए, रमजान के इस पवित्र महीने में, हमें चाहिए कि हम अपनी इरादों को साफ रखें और सच्चे दिल से अल्लाह से प्रार्थना करें।