14 मार्च को होली के दिन एक चंद्र ग्रहण होगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहाँ इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। इस कारण से, ग्रहण के दौरान भारत में कोई विशेष नियम लागू नहीं होंगे।

मुख्य बातें
- चंद्र ग्रहण सामान्यतः पूर्णिमा के दिन होता है।
- इस बार होली की पूर्णिमा पर भी ग्रहण का प्रभाव रहेगा।
- इसका मतलब है कि इस साल होली पर रंग खेलते समय ग्रहण देखने को मिलेगा।
होली हर वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा के बाद के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष होली के दिन चंद्र ग्रहण हो रहा है। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को होता है और इस बार होली की पूर्णिमा के समय भी ग्रहण का साया रहेगा। इसका अर्थ है कि इस साल होली के रंग खेलते समय ग्रहण का अनुभव होगा। इसलिए, इस साल चंद्र ग्रहण के बीच में होली का आनंद लिया जाएगा।
- इस साल होली पर चंद्र ग्रहण होगा। होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है।
- इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का प्रभाव रहेगा।
- फाल्गुन पूर्णिमा की रात को ग्रहण लगेगा और अगले दिन रंगों वाली होली खेली जाएगी।
- इस साल होलिका दहन 13 मार्च की रात को होगा और 14 मार्च को होली खेली जाएगी।
- इस बार होली की तिथि और ग्रहण का समय भी महत्वपूर्ण है।
होलिका दहन का समय
- बालाजी ज्योतिष अनुसंधान एवं परामर्श केंद्र के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ गणेश शर्मा के अनुसार, हिंदू पंचांग के अनुसार होलिका दहन पूर्णिमा को होता है।
- इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च की रात को होगा। फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से शुरू होकर 14 मार्च को दोपहर 12:23 बजे तक रहेगी।
- इसलिए, होलिका दहन 13 मार्च की रात को करना उचित होगा। हालाँकि, इस बार होली पर भद्रा का भी प्रभाव माना जा रहा है।
होली का पर्व कब मनाया जाएगा
- होली 14 मार्च की सुबह खेली जाएगी। इस दिन होली की पूर्णिमा तिथि का स्नान और धार्मिक कार्य किए जाएंगे। जबकि पूर्णिमा का व्रत 13 मार्च को रखा जाएगा।
- जो लोग व्रत करते हैं, वे 13 मार्च को ही चंद्रमा को अर्घ्य देंगे और अगली सुबह स्नान और दान करेंगे।
- पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा करना न भूलें। फाल्गुन पूर्णिमा के स्नान के बाद दान-पुण्य करें और पितरों का तर्पण भी करें।
चंद्र ग्रहण का समय
- इस साल का पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन, 14 मार्च को होगा।
- यह सुबह 9:29 बजे से शुरू होगा।
- दोपहर 3:29 बजे समाप्त होगा।
- ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू होगा।
- इस सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।