रंगों का त्योहार होली मनाने के लिए सभी बहुत उत्साहित हैं और सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। इस बीच, ज्योतिषियों ने एक अच्छी खबर भी दी है कि 14 मार्च को चंद्रग्रहण होगा, लेकिन इसका भारत में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसका मतलब है कि होली का त्योहार बिना किसी रुकावट के मनाया जा सकेगा।

HighLights
- भारत में चंद्रग्रहण नहीं दिखेगा
- इसलिए सूतक भी मान्य नहीं होगा
- बिना किसी बाधा के मनाया जाएगा रंगों का पर्व
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। 14 मार्च, शुक्रवार को बुध की राशि कन्या में चंद्रग्रहण होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, इसे साधारण नहीं समझना चाहिए, क्योंकि यह एक ब्लड मून (लाल चाँद) होगा।
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि यह साल का पहला चंद्रग्रहण है। चूंकि यह भारत में गोचर नहीं होगा, इसलिए न तो सूतक लगेगा और न ही इसका कोई प्रभाव पड़ेगा। इसलिए होलिका उत्सव मनाने में किसी भी दुष्प्रभाव की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
भारत में सूतक मान्य नहीं होगा
- ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा का कहना है कि होली के दिन लगने वाला यह चंद्रग्रहण एक ब्लड मून (लाल चाँद) के रूप में दिखाई देगा। यह ग्रहण बुध की राशि कन्या में होगा और यह सामान्य नहीं है।
- इस दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखेगा, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। यह तब होता है जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है।
- गुरुवार को होने वाले चंद्रग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा, क्योंकि यह भारत में देखा नहीं जाएगा। होली पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, इसलिए इस दौरान किसी भी कार्य पर कोई पाबंदी नहीं होगी।
- भारत में लोग इस खगोलीय घटना को नहीं देख पाएंगे, लेकिन यह अन्य देशों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। विशेष रूप से, यह ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी यूरोप, अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका में देखी जाएगी।
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चंद्र ग्रहण कब से कब तक रहेगा
भारतीय समयानुसार, चंद्रग्रहण 14 मार्च को सुबह 9:27 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक रहेगा। इसकी कुल अवधि 6 घंटे 3 मिनट होगी।
चंद्र ग्रहण क्या होता है
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो तब होती है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं। इस स्थिति में सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुँच पाती, क्योंकि पृथ्वी अपनी छाया से चंद्रमा को ढक लेती है। जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तो इसे पूर्ण चंद्रग्रहण कहते हैं। जब चंद्रमा केवल आंशिक रूप से ढकता है, तो उसे आंशिक चंद्रग्रहण कहा जाता है।
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