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“होलिका दहन 2025: जानें सिर्फ 1 घंटे का शुभ समय और पूजा विधि!”

### होलिका दहन 2025: समय, मुहूर्त और पूजा विधि **होलिका दहन का तिथि और महत्व** होलिका … “होलिका दहन 2025: जानें सिर्फ 1 घंटे का शुभ समय और पूजा विधि!”Read more

holika dehan 2025 date its significance and shubh muhurat Holika dehan 2025: होलिका दहन कब 13 या 14 मार्च को, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

### होलिका दहन 2025: समय, मुहूर्त और पूजा विधि

**होलिका दहन का तिथि और महत्व**
होलिका दहन 2025 का आयोजन 13 मार्च को फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर किया जाएगा। इस वर्ष, होली का प्रमुख पर्व 14 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। होली से एक दिन पहले होलिका दहन का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन की अग्नि नकारात्मक ऊर्जा का नाश करती है और जीवन में खुशियों का संचार करती है।

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**होलिका दहन का शुभ मुहूर्त**
13 मार्च को होलिका दहन का कार्यक्रम शाम को होगा। ध्यान रखें कि इस दिन भद्रा का प्रारंभ शाम 6:57 बजे से होगा और इसका समापन रात 10:22 बजे पर होगा। होलिका दहन के लिए लगभग एक घंटे का शुभ मुहूर्त है, जो कि रात 11:26 बजे से लेकर 12:30 बजे तक का समय सबसे उत्तम माना जाता है।

**होलिका दहन पूजा विधि**
होलिका दहन की पूजा के लिए निम्नलिखित विधियों का पालन करें:

1. **सामग्री एकत्रित करें:** होलिका दहन के स्थान पर लकड़ियां, उपले और अन्य जलाने योग्य सामग्री एकत्रित करें।
2. **पूजन विधि:** शुभ मुहूर्त पर विधिपूर्वक पूजन करते हुए होलिका में अग्नि प्रज्वलित करें।
3. **दीप जलाना:** होली की रात, होलिका के पास और किसी मंदिर में दीप जलाना सुनिश्चित करें।
4. **परिक्रमा करें:** परिवार के सभी सदस्य को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करनी चाहिए।
5. **पूजन सामग्री अर्पित करें:** होलिका में नारियल, अनाज, गोबर के कंडे और अन्य पूजन सामग्री डालें।
6. **सूती माला:** होलिका की परिक्रमा करते समय उसके चारों ओर कच्चे सूत की तीन, पांच या सात माला बांधें और फिर कलश का जल होलिका के समक्ष अर्पित करें।

**होलिका दहन की कथा**
होलिका दहन की कथा प्रह्लाद और उसके पिता हिरण्यकशिपु से जुड़ी है। हिरण्यकशिपु भगवान विष्णु का घोर शत्रु था और उसने अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करने का प्रयास किया। जब प्रह्लाद ने अपने पिता की आज्ञा मानने से इनकार किया, तो हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को अग्नि में जलाने का आदेश दिया। हालांकि, भगवान विष्णु की कृपा से, होलिका की दिव्य ओढ़नी ने प्रह्लाद को अग्नि से सुरक्षित रखा, जबकि होलिका आग में जल गई।

इस प्रकार, होलिका दहन का पर्व हमें नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय की याद दिलाता है।

[होलिका दहन के बारे में और जानें](https://www.abplive.com/lifestyle/religion/holi-2025-why-we-celebrate-festival-of-colour-rituals-holika-dahan-history-2902817)

**महत्वपूर्ण नोट:** उपरोक्त जानकारी मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। कृपया किसी भी धार्मिक जानकारी या मान्यता को अपनाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb

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