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दशा माता व्रत 2025: महिलाएं आज के दिन कच्चे सूत का धागा क्यों पहनती हैं, ज्योतिषाचार्य ने बताए तिजोरी के उपाय

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सोमवार को महिलाएं दशा माता व्रत का आयोजन कर पूजा-अर्चना कर रही हैं। दशा माता को मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। यह व्रत ग्रहों की विपरीत स्थिति को सुधारने और परिवार की समृद्धि के लिए किया जाता है।

पीपल के वृक्ष की पूजा का प्रतीकात्मक फोटो

HighLights

  1. चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि आज
  2. सुख-शांति व समृद्धि के लिए रखा जाता है व्रत
  3. पीपल वृक्ष की परिक्रमा, कथा सुनने का विधान

नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। चैत्र कृष्ण दशमी पर सोमवार को महिलाएं अपने घर की दशा सुधारने के लिए दशा माता की पूजा कर रही हैं। इस दिन व्रत रखकर पीपल के वृक्ष की पूजा के बाद कथा का श्रवण किया जाता है। महिलाएं कच्चे सूत के धागे में 10 गांठें लगाकर उसे हल्दी में रंगकर स्वर्ण हार के रूप में पहनती हैं।

यह मान्यता है कि इससे दुख और दरिद्रता का नाश होता है और परिवार में सुख-संपत्ति आती है। उज्जैन के ज्योतिर्विद पं. अमर डब्बावाला का कहना है कि हिंदू धर्म की परंपरा में दशा माता व्रत का खास महत्व है। इस व्रत में महिलाएं दशा माता से दशविध लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती हैं।

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कच्चा सूत और 10 गांठों का महत्व

  • पूजन में हल्दी से रंगे हुए सूत के कच्चे धागे में 10 गांठें लगाना महत्वपूर्ण है। महिलाएं दशा माता से अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए धागे में 10 गांठें लगाती हैं। इसके बाद पूजा अर्चना कर इसे हल्दी से पीला करके गले में पहनती हैं। बाद में इस धागे को घर की तिजोरी में रखा जाता है।
  • इसका मानना है कि इससे घर में पूरे वर्ष सुख और समृद्धि बनी रहती है। जब महिलाएं अगले वर्ष फिर से दशा माता की पूजा करती हैं, तो तिजोरी में रखे धागे को साथ ले जाती हैं। यह धागा पीपल के वृक्ष के पास पूजा स्थल पर रख दिया जाता है, जिससे नई दशा घर में आती है।

सुख, शांति और समृद्धि की कामना

महिलाएं इस दिन व्रत और पूजा के माध्यम से अपने परिवार के सुख, शांति और समृद्धि की कामना करती हैं। सोमवार को महिलाएं दशा माता का व्रत करके पूजा-अर्चना कर रही हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दशा माता व्रत चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा अपने परिवार की सुख-समृद्धि और अनिष्ट ग्रहों की दशा को सुधारने के लिए विधिपूर्वक किया जाता है।

इस दिन महिलाएं पीपल वृक्ष की पूजा कर कच्चे सूत के धागे में गांठें लगाकर अर्पित करती हैं। इस धागे को विधिपूर्वक पूजन के बाद माला की तरह गले में धारण किया जाता है।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb

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