डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से उन्होंने टैरिफ सहित कई घोषणाएं की हैं, जिनका अंतरराष्ट्रीय बाजार पर प्रभाव पड़ा है। इस दौरान अमेरिकी बाजार में मंदी का खतरा भी दिखाई दे रहा है। यह बात प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स के विशेषज्ञों द्वारा कही गई है। गोल्डमैन सैक्स का कहना है []
Published: Tuesday, 1 April 2025 at 05:17 pm | Modified: Thursday, 3 April 2025 at 02:52 am | By: Kapil Sharma | 📂 Category: कारोबार
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से उन्होंने टैरिफ सहित कई घोषणाएं की हैं, जिनका अंतरराष्ट्रीय बाजार पर प्रभाव पड़ा है। इस दौरान अमेरिकी बाजार में मंदी का खतरा भी दिखाई दे रहा है। यह बात प्रतिष्ठित ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स के विशेषज्ञों द्वारा कही गई है।
गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि 2025 में अमेरिकी बाजार में बहुत अधिक वृद्धि की संभावना नहीं है। उन्होंने इस महीने दूसरी बार प्रमुख सूचकांक S&P 500 का लक्ष्य कम किया है। इसके पीछे कारण बढ़ती मंदी की आशंका और टैरिफ के संबंध में अनिश्चितता को बताया गया है।
S&P 500 इंडेक्स अमेरिका की 500 सबसे बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों के प्रदर्शन को दर्शाता है। डेविड कोस्टिन की अगुवाई में गोल्डमैन सैक्स की टीम अब मानती है कि वर्ष के अंत तक S&P 500 का स्तर लगभग 5,700 रहेगा, जबकि पहले उन्होंने इसे 6,200 तक जाने का अनुमान लगाया था।
गोल्डमैन सैक्स के एक नोट में कोस्टिन ने लिखा है कि गिरती वृद्धि और बढ़ती अनिश्चितता के कारण शेयर पहले से अधिक जोखिम भरे हो गए हैं। उनका मूल्यांकन कम हो रहा है। नया अनुमान शुक्रवार के बाद जारी स्तर में केवल 2 प्रतिशत अधिक है, जो वॉल स्ट्रीट के सबसे कम अनुमानों में से एक है।
अगर वृद्धि और निवेशकों का भरोसा और गिरता है, तो कीमतें हमारी अपेक्षा से ज्यादा गिर सकती हैं। उन्होंने पहले 11 मार्च का लक्ष्य 6,500 से घटाकर 6,200 कर दिया था, खासकर इस साल तकनीकी शेयरों की कीमतों में गिरावट को देखते हुए।
गोल्डमैन सैक्स ने एक महीने में दूसरी बार टैरिफ के अनुमान को बढ़ा दिया है। अब उनका कहना है कि 2025 में अमेरिका में औसत टैरिफ 15 प्रतिशत अधिक हो सकता है। इसके अलावा, 2025 के लिए उन्होंने अमेरिकी जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाकर केवल एक प्रतिशत कर दिया है।
अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का अनुमान लगाने का एक बड़ा कारण राष्ट्रपति ट्रंप की टैरिफ नीति भी है। राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि वे रेसिप्रोकल टैरिफ को सभी देशों पर लागू करने की योजना बना रहे हैं। पहले माना जा रहा था कि यह सीमित स्तर पर रहेगा, लेकिन अब यह मामला बड़ा हो सकता है।
विशेषज्ञों द्वारा लगातार इस बात की चेतावनी दी जा रही है कि यदि रेसिप्रोकल टैरिफ लागू किया जाता है, तो उत्पादों की कीमतें बढ़ जाएंगी। इससे उत्पादन पर सीधा असर होगा और उत्पादन में कमी आएगी। परिणामस्वरूप, वैश्विक स्तर पर महंगाई बढ़ेगी और मंदी का खतरा बढ़ जाएगा। गोल्डमैन सैक्स का यह अनुमान विशेषज्ञों की चिंताओं को और अधिक बल देता है।