अप्रैल का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान चैत्र नवरात्रि, राम नवमी, कामदा एकादशी, हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा जैसे प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। इस समय साधक देवी-देवताओं की आराधना करते हैं और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखते हैं। धर्म डेस्क इंदौर से जानकारी के अनुसार, अप्रैल []
Published: Tuesday, 1 April 2025 at 10:16 pm | Modified: Thursday, 3 April 2025 at 09:46 am | By: Kapil Sharma | 📂 Category: आस्था
अप्रैल का महीना धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान चैत्र नवरात्रि, राम नवमी, कामदा एकादशी, हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा जैसे प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। इस समय साधक देवी-देवताओं की आराधना करते हैं और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखते हैं।
धर्म डेस्क इंदौर से जानकारी के अनुसार, अप्रैल का महीना सनातन धर्म में विशेष स्थान रखता है। इस महीने में चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा की जाती है, जिसमें व्रत और कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इसके अलावा, कई अन्य व्रत और पर्व भी इस माह में मनाए जाते हैं। आइए जानते हैं कि अप्रैल 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहारों की तारीखें क्या हैं।
अप्रैल 2025 के व्रत और त्योहारों की सूची इस प्रकार है:
– 01 अप्रैल – मासिक कार्तिगाई और विनायक चतुर्थी
– 02 अप्रैल – लक्ष्मी पञ्चमी
– 03 अप्रैल – यमुना छठ, रोहिणी व्रत और स्कन्द षष्ठी
– 05 अप्रैल – मासिक दुर्गाष्टमी
– 06 अप्रैल – राम नवमी और स्वामीनारायण जयंती
– 08 अप्रैल – कामदा एकादशी
– 09 अप्रैल – वामन द्वादशी
– 10 अप्रैल – महावीर स्वामी जयन्ती, प्रदोष व्रत
– 12 अप्रैल – हनुमान जयंती और चैत्र पूर्णिमा
– 13 अप्रैल – वैशाख माह की शुरुआत
– 14 अप्रैल – मेष संक्रान्ति
– 16 अप्रैल – विकट संकष्टी चतुर्थी
– 20 अप्रैल – भानु सप्तमी, कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
– 24 अप्रैल – वरुथिनी एकादशी व्रत
– 25 अप्रैल – प्रदोष व्रत
– 26 अप्रैल – मासिक शिवरात्रि
– 27 अप्रैल – वैशाख अमावस्या
– 29 अप्रैल – परशुराम जयंती और मासिक कार्तिगाई
– 30 अप्रैल – अक्षय तृतीया और रोहिणी व्रत
चैत्र नवरात्रि 2025 का कैलेंडर इस प्रकार है:
– पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी।
– दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी।
– तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होगी।
– चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा होगी।
– पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा होगी।
– छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा होगी।
– सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होगी।
– आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होगी।
– नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होगी।
कन्या पूजन का महत्व भी इस दौरान अत्यधिक होता है। कन्याओं को भोजन कराने के बाद उनका पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे मां रानी प्रसन्न होती हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि में अष्टमी 5 अप्रैल और नवमी 6 अप्रैल को होगी, जिसमें कन्या पूजन का आयोजन किया जाएगा।