Posted in

एमपी ओबीसी आरक्षण: हाईकोर्ट ने सरकार से ओबीसी के लिए जनसंख्या के अनुसार आरक्षण पर मांगा स्पष्टीकरण

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से अन्य पिछड़ा वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में … एमपी ओबीसी आरक्षण: हाईकोर्ट ने सरकार से ओबीसी के लिए जनसंख्या के अनुसार आरक्षण पर मांगा स्पष्टीकरणRead more

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से अन्य पिछड़ा वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने के मामले में स्पष्ट उत्तर मांगा है। कोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए अंतिम समय सीमा निर्धारित की है। यदि सरकार ने समय पर जवाब नहीं दिया, तो उन पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन की पीठ ने ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर राज्य सरकार को उत्तर देने की अंतिम मोहलत दी है।

Also Read: बनासकांठा पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में मध्य प्रदेश के हंडिया के 15 और मालपौन के 1 व्यक्ति की मौत

साथ ही, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर जवाब नहीं आता है, तो जुर्माना लगेगा। इस मामले की अगली सुनवाई 16 जून के सप्ताह में तय की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से जबलपुर की एडवोकेट यूनियन फार डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस के वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह ने पक्ष रखा।

वर्ष 2024 में दायर की गई याचिका में ओबीसी वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देने की मांग की गई थी। एक साल में इस मामले की 11 बार सुनवाई हुई, लेकिन सरकार ने अभी तक कोई उत्तर पेश नहीं किया है। कोर्ट को बताया गया कि 2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में एससी की आबादी 15.6 प्रतिशत, एसटी की 21.14 प्रतिशत, ओबीसी की 50.9 प्रतिशत और मुस्लिम की 3.7 प्रतिशत है। शेष 8.66 प्रतिशत अनारक्षित वर्ग की जनसंख्या है।

प्रदेश में एससी को 16 प्रतिशत, एसटी को 20 प्रतिशत और ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। चूंकि ओबीसी की आबादी 51 प्रतिशत है, इसलिए उसी अनुपात में उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए।

इसके अलावा, यह भी कहा गया कि इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि ओबीसी वर्ग की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थितियों का नियमित रूप से परीक्षण करने के लिए स्थायी आयोग गठित किया जाए। आयोग तो बना, लेकिन ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb