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महंगाई आपके रिटायरमेंट योजना को असफल कर सकती है जानें कि 1 करोड़ रुपये का फंड बनाने के लिए आपको कितना SIP करना होगा

हम अपनी रिटायरमेंट योजना बनाते समय आमतौर पर आज के मूल्य के अनुसार पैसे का अनुमान लगाते हैं। लेकिन क्या हमने विचार किया है कि 20-30 साल बाद हमारे पैसे की वास्तविक कीमत क्या होगी? महंगाई धीरे-धीरे पैसे की खरीदने की क्षमता को कम कर देती है। इसका मतलब है कि जो चीज आज सस्ती []

Published: Monday, 31 March 2025 at 08:58 am | Modified: Monday, 31 March 2025 at 08:58 am | By: Kapil Sharma | 📂 Category: कारोबार

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महंगाई आपके रिटायरमेंट योजना को असफल कर सकती है जानें कि 1 करोड़ रुपये का फंड बनाने के लिए आपको कितना SIP करना होगा

हम अपनी रिटायरमेंट योजना बनाते समय आमतौर पर आज के मूल्य के अनुसार पैसे का अनुमान लगाते हैं। लेकिन क्या हमने विचार किया है कि 20-30 साल बाद हमारे पैसे की वास्तविक कीमत क्या होगी? महंगाई धीरे-धीरे पैसे की खरीदने की क्षमता को कम कर देती है। इसका मतलब है कि जो चीज आज सस्ती लगती है, वह भविष्य में काफी महंगी हो सकती है।

महंगाई का प्रभाव समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए कि 2010 में एक गैस सिलेंडर की कीमत 350 रुपये थी, लेकिन 2025 में यह बढ़कर 1,050 रुपये हो गई है। इसका मतलब है कि औसतन सालाना 7.6 फीसदी की दर से दाम बढ़े हैं। इसी तरह, 2009 में 100 रुपये में 2 लीटर पेट्रोल मिलता था, लेकिन आज केवल 1 लीटर ही मिल पाता है। यह स्पष्ट है कि महंगाई ने इस दौरान पैसे की ताकत को लगभग आधा कर दिया है।

सरकार महंगाई को मापने के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) का उपयोग करती है, जो खाद्य सामग्री, कपड़े, आवास, परिवहन और स्वास्थ्य जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नजर रखता है। फरवरी 2025 में CPI महंगाई दर 3.61 फीसदी रही, लेकिन औसतन यह 5 फीसदी के आसपास रहती है।

2013 में CPI महंगाई दर 12.2 फीसदी तक पहुंच गई थी, जबकि 2017 में यह घटकर 1.5 फीसदी हो गई थी। आरबीआई की कोशिश है कि महंगाई 4 फीसदी के लक्ष्य पर बनी रहे, लेकिन वास्तविकता में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें हमेशा इससे अधिक होती हैं।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, फिक्स्ड इनकम योजनाओं जैसे बैंक FD, PPF, EPFO और पोस्ट ऑफिस सेविंग्स में 6 से 8.25 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है, लेकिन महंगाई को घटाने के बाद असली रिटर्न केवल 2 से 3 फीसदी रह जाता है। वहीं, म्यूचुअल फंड्स जैसे इक्विटी-लिंक्ड निवेश 12 से 15 फीसदी सालाना रिटर्न देते हैं, लेकिन महंगाई को ध्यान में रखने पर असली रिटर्न 6 से 9 फीसदी के बीच होता है।

अब समझते हैं कि महंगाई हमारी बचत और पैसों की कीमत को कैसे प्रभावित करती है। यदि कोई 40 साल का व्यक्ति आज रिटायरमेंट के लिए 1 करोड़ रुपये का फंड बनाना चाहता है और महंगाई की दर 5 फीसदी सालाना मान ली जाए, तो उसे हर महीने 18,000 रुपये म्यूचुअल फंड SIP में निवेश करना होगा, जिसमें उसे 15 फीसदी सालाना रिटर्न प्राप्त होगा।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है। निवेश बाजार में जोखिमों के अधीन होता है। निवेश करने से पहले हमेशा विशेषज्ञ से सलाह लेने की सलाह दी जाती है। ABPLive.com की ओर से किसी को भी निवेश करने के लिए सलाह नहीं दी जाती है।

इसके अलावा, यह भी जानें कि 1 अप्रैल से शुरू हो रहा नया वित्त वर्ष निवेशकों के लिए कैसा रहेगा और टैरिफ वार तथा RBI की कर्ज नीति बाजार की दिशा को कैसे प्रभावित करेगी।

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