नक्सलियों की कायराना हरकत के चलते एक महिला की जान चली गई। यह महिला महुआ बीनने जंगल गई थी और प्रेशर आइईडी की चपेट में आकर घायल हो गई। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इससे पहले भी एक अन्य महिला इस तरह के हादसे में घायल हुई थी। बीजापुर में नक्सलियों ने प्रेशर []
Published: Monday, 31 March 2025 at 01:45 am | Modified: Monday, 31 March 2025 at 01:45 am | By: Kapil Sharma | 📂 Category: शहर और राज्य
नक्सलियों की कायराना हरकत के चलते एक महिला की जान चली गई। यह महिला महुआ बीनने जंगल गई थी और प्रेशर आइईडी की चपेट में आकर घायल हो गई। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इससे पहले भी एक अन्य महिला इस तरह के हादसे में घायल हुई थी।
बीजापुर में नक्सलियों ने प्रेशर आइईडी लगाई थी, जिसके कारण यह दुःखद घटना हुई। रविवार शाम को यह हादसा हुआ, जिसमें एक ग्रामीण महिला की जान गई।
सुशीला सोढ़ी नाम की यह महिला उसूर के सोढ़ीपारा गांव की निवासी थी। वह महुआ बीनने के लिए बोत्तामरका पहाड़ी के जंगल में गई थीं। शाम लगभग 5:30 बजे नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर आइईडी की चपेट में आने से वह गंभीर रूप से घायल हो गईं।
उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उसूर लाया गया, लेकिन वहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। नक्सली सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए आइईडी लगाते हैं, जिसके कारण निर्दोष ग्रामीण और कभी-कभी जानवर भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। महिला की मृत्यु से उसूर में शोक का माहौल है।
बोड़गा की एक अन्य महिला भी इसी तरह के हादसे का शिकार हुई थी। शनिवार को सरस्वती ओयाम नाम की यह महिला भी प्रेशर आइईडी से गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। उन्हें इलाज के लिए जगदलपुर रेफर किया गया है। यह महिला भी महुआ बीनने के बाद एक पेड़ के पास से गुजर रही थीं, तभी धमाका हुआ।
नक्सलियों द्वारा लगाए गए आइईडी से अब तक 2004 से लेकर अब तक सात निर्दोष ग्रामीणों की जान जा चुकी है। इसके अलावा 6 ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हुए हैं। नक्सलियों की इस कायराना हरकत से कभी बुजुर्ग माता-पिता का सहारा तो कभी मासूम बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ जाता है। आखिर कब तक आम जन को नक्सलियों की गतिविधियों के कारण अपने प्रियजनों को खोना पड़ेगा।