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वक्ष स्पर्श करना और पजामे का नाड़ा खोलना रेप नहीं जैसी बातें असंवेदनशील हैं SC ने इलाहाबाद HC की टिप्पणियों पर लगाई रोक

न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि यह एक गंभीर मामला है। … वक्ष स्पर्श करना और पजामे का नाड़ा खोलना रेप नहीं जैसी बातें असंवेदनशील हैं SC ने इलाहाबाद HC की टिप्पणियों पर लगाई रोकRead more

न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा है कि यह एक गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी व्यक्त किया कि यह बताते हुए खेद हो रहा है कि इस मामले का निर्णय देने वाले जज ने पूरी तरह से असंवेदनशीलता दिखाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणियों पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने एक नाबालिग की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि वक्ष स्पर्श करना और पजामे का नाड़ा खोलना दुष्कर्म नहीं है।

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इन टिप्पणियों के सार्वजनिक होने के बाद तीव्र प्रतिक्रियाएं आई थीं। महिला आयोग ने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी। इसी संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां हाई कोर्ट की टिप्पणियों को असंवेदनशील करार दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादास्पद आदेश पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्यवाही शुरू की। बुधवार को न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और हमें यह कहते हुए खेद हो रहा है कि निर्णय देने वाले जज की असंवेदनशीलता है।

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कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb

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