## Ola और Uber पर किराए के भेदभाव के गंभीर आरोप: सरकार ने जांच की शुरुआत की

हाल ही में, Ola और Uber जैसी प्रमुख कैब सेवाओं पर गंभीर आरोप लगे हैं। iPhone और Android उपयोगकर्ताओं के बीच किराए में भेदभाव की घटनाएं उजागर हुई हैं। इस पर उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री, प्रह्लाद जोशी ने संसद में जानकारी दी कि सरकार इस मामले की जांच कर रही है।
### मुद्दे का विश्लेषण
– **किराए में भेदभाव का खुलासा**: हाल में किए गए एक अध्ययन से यह सामने आया है कि Ola और Uber iPhone उपयोगकर्ताओं से अधिक किराया चार्ज कर रहे हैं, जबकि Android उपयोगकर्ताओं के लिए वही सेवा कम कीमत पर उपलब्ध है।
– **’डार्क पैटर्न’ का आरोप**: विशेषज्ञ इसे ‘डार्क पैटर्न’ मानते हैं, जिसमें अनुचित मूल्य निर्धारण और छिपे हुए शुल्क शामिल होते हैं। यह उपभोक्ता कानून का उल्लंघन प्रतीत होता है।
### कंपनियों की प्रतिक्रिया और सरकारी कार्रवाई
– **स्पष्टता की मांग**: इन आरोपों के चलते, Ola और Uber ने इन दावों का खंडन किया है और स्पष्टीकरण की मांग की है। उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने 10 फरवरी को इन कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा था।
– **जांच की प्रक्रिया**: मामले की गंभीरता को देखते हुए, इसे डीजी (जांच) के पास भेजा गया है।
### किराए में भेदभाव की जांच की वर्तमान स्थिति
– **नियमों का उल्लंघन**: यह महत्वपूर्ण है कि किराए में भेदभाव करना नियमों के अनुसार अवैध है।
– **किराए की तुलना**: भोपाल के एमपी नगर से राजाभोज एयरपोर्ट तक Ola ऐप पर Android यूजर्स के लिए किराया 310-301 रुपए और iPhone यूजर्स के लिए 322-368 रुपए दिखाया गया।
### उपयोगकर्ता व्यवहार का प्रभाव
– **व्यवहार के अनुसार भेदभाव**: विशेषज्ञों का मानना है कि यह भेदभाव उपयोगकर्ताओं के व्यवहार पर निर्भर करता है। नियमित ग्राहकों के लिए अधिक किराया दिखाई दे सकता है, क्योंकि ऐप उनकी गतिविधियों को ट्रैक करता है।
### एक उदाहरण
– **राहुल का अनुभव**: राहुल ने ऑफिस से घर जाने के लिए राइड बुक करने की कोशिश की। Android फोन पर किराया 290 रुपए था, जबकि iPhone पर यह 342 रुपए था। इस तरह की शिकायतें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही हैं।
### निष्कर्ष
Ola और Uber द्वारा iPhone और Android उपयोगकर्ताओं के बीच किराए में भेदभाव एक गंभीर समस्या बन चुकी है। सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है, और उपभोक्ताओं को इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अपनी आवाज उठानी चाहिए।
**पूरी खबर पढ़ें और इस मुद्दे पर अपने विचार साझा करें!**
—