OBC आरक्षण समाचार: तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षण को 23% से बढ़ाकर 42% करने की घोषणा की है। यह निर्णय राज्य के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएगा।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और प्रियंका गांधी वाड्रा। (फाइल फोटो)
मुख्य बिंदु
- तेलंगाना में ओबीसी आरक्षण को 23% से 42% किया गया।
- मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने शिक्षा, नौकरी और राजनीति में आरक्षण की बात की।
- तेलंगाना में ओबीसी की जनसंख्या 56.36% है, जो इस लाभ का享受 करेगी।
हैदराबाद। कांग्रेस ने तेलंगाना में अपने चुनावी वादे को पूरा किया। सोमवार को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने ओबीसी समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। सीएम रेड्डी ने शिक्षा, नौकरी और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में ओबीसी जनसंख्या के लिए 42% आरक्षण की व्यवस्था की है, जबकि पहले यह केवल 23% था।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि तेलंगाना को गर्व है कि वह भारत में सामाजिक क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। यह मेरे लिए गर्व का विषय है कि हम स्वतंत्रता के बाद से पिछड़े वर्गों की एक लंबी मांग को पूरा कर रहे हैं। हमारे भाई-बहन, जो पिछड़े वर्ग से हैं, की यह मांग थी कि उन्हें आधिकारिक जनगणना में गिना जाए और पहचाना जाए, और आज हम इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
ओबीसी जनसंख्या 56.36 प्रतिशत
तेलंगाना के सीएम ने कहा, “आज, तेलंगाना विधानसभा के नेता और मुख्यमंत्री के रूप में, मैं यह गंभीरता से घोषणा करता हूं कि हमारे लोगों की मेहनत और वैज्ञानिक सर्वेक्षणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि तेलंगाना में ओबीसी जनसंख्या 56.36% है। हम अब यह सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हैं कि इस समूह को शिक्षा, रोजगार, और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के सभी क्षेत्रों में 42% आरक्षण मिलेगा।”
महत्वपूर्ण निर्णय के कारण
रेवंत रेड्डी ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में बदलाव लाएगा। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस ऐतिहासिक कदम का समर्थन करें और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। सरकार के इस निर्णय के बाद, तेलंगाना के ओबीसी समुदाय को विभिन्न सरकारी सेवाओं और अवसरों में समान भागीदारी का लाभ मिलेगा। इस आरक्षण की घोषणा से राज्य में सामाजिक समानता और समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा, और पिछड़े वर्गों के विकास में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की यह घोषणा आने वाले समय में तेलंगाना के सामाजिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है, जिससे ओबीसी समुदाय के लिए बेहतर अवसर पैदा हो सकते हैं।