रीवा नगर निगम ने संपत्तिकर के बकायादारों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। मंगलवार को संपत्ति कर नहीं जमा करने के चलते दो दुकानों को सील कर दिया गया। जानकारी के अनुसार, रविवार को बकाया संपत्तिकर को जमा करने के लिए एक लोक अदालत का आयोजन किया गया था, जिसमें लोगों को कुछ छूट भी दी गई थी। बावजूद इसके, कई लोगों ने संपत्तिकर जमा नहीं कराया।
नगर निगम आयुक्त डॉ० सौरभ सोनवणे ने बताया कि राजस्व वसूली के लिए नगर निगम ने बड़े बकायादार व्यापारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में, 11 मार्च को एक बड़े व्यापारी, सरिता गुप्ता और उनके पति मनीष गुप्ता के प्रतिष्ठान ‘गुप्ता एण्ड सन्स’ द्वारा बकाया राशि जमा करने में आनाकानी की गई थी। जब निगम का अमला तालाबंदी की कार्रवाई के लिए पहुंचा, तब वहां 2,49,332 रुपए जमा कराए गए।
इसके अलावा, वार्ड 4 में सुमित गुप्ता के प्रतिष्ठान पर 2,86,371 रुपए की बकाया राशि पर तालाबंदी की गई। इसी प्रकार, वार्ड 18 में हरदेव कॉम्प्लेक्स के खिलाफ 6,43,624 रुपए की बकाया राशि के कारण तालाबंदी की कार्रवाई की गई। आयुक्त ने स्पष्ट किया कि बकाया राशि के मामले में किसी भी व्यापारी को राहत नहीं दी जाएगी। जो लोग समय पर भुगतान नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
उन्होंने सभी करदाताओं से अपील की कि वे सभी प्रकार के बकाया कर को निर्धारित समय में जमा करें ताकि अप्रिय कार्रवाई से बच सकें। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि रीवा नगर के सभी आवासीय भवनों पर वर्ष 2024-25 के संपत्तिकर में 50 प्रतिशत की छूट 31 मार्च 2025 तक दी जा रही है। इसके बाद यह छूट समाप्त हो जाएगी और 12 प्रतिशत अधिभार भी देना होगा।