### आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति: युवा पीढ़ी के लिए चेतावनी
हाल के दिनों में, युवा वर्ग में आत्महत्या की प्रवृत्ति alarming दर से बढ़ती जा रही है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, साउथपोर्ट की 12 वर्षीय सेमिना हॉलिवेल ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न का मामला पुलिस में दर्ज कराया था, लेकिन दुखद रूप से एक घातक ओवरडोज के चलते उनकी अस्पताल में मृत्यु हो गई। इसी प्रकार, चेल्टेनहैम की 48 वर्षीय मां, एलेन रूम, सोशल मीडिया कंपनियों से जवाब मांग रही हैं, क्योंकि उन्हें संदेह है कि उनके 14 वर्षीय बेटे, जूल्स स्वीनी ने 2022 में एक ‘ऑनलाइन चुनौती’ के कारण आत्महत्या की।
लंकाशायर के फ्लीटवुड की 23 वर्षीय मां, कीना डावेस ने 2022 में अपने पूर्व साथी की घरेलू हिंसा का सामना करने के बाद आत्महत्या कर ली। हाल के आंकड़ों के अनुसार, यूके में 35 वर्ष से कम आयु के लोगों में आत्महत्या सबसे बड़ा कारण बन रहा है, और हर साल 200 से अधिक किशोर आत्महत्या का शिकार होते हैं। माता-पिता के रूप में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हम अपने बच्चों की मदद कैसे कर सकते हैं। अगर हमें संदेह है कि हमारे बच्चे आत्महत्या के विचारों से जूझ रहे हैं, तो हम इसे कैसे पहचान सकते हैं?
### आत्महत्या के संकेत: माता-पिता के लिए 7 चेतावनी संकेत
चाइल्डलाइन के निदेशक, शॉन फ्रेल के अनुसार, यदि आपके बच्चे के मन में आत्महत्या जैसे विचार आ रहे हैं, तो आप निम्नलिखित 7 संकेतों पर ध्यान दें:
1. **दोस्तों से दूरी**: यदि आपका बच्चा अपने दोस्तों से मिलना बंद कर देता है या उन गतिविधियों में रुचि नहीं दिखाता जिनका वह पहले आनंद लेते थे।
2. **उदासी की बातें**: निराशा या उदासी के बारे में उन्हें बात करने की प्रवृत्ति।
3. **खतरनाक गतिविधियाँ**: ड्रग्स या शराब का सेवन करने जैसी खतरनाक गतिविधियों में लिप्त होना।
4. **सामान बांटना**: अपनी चीजें दूसरों को देने की प्रवृत्ति।
5. **स्वयं की देखभाल में कमी**: पहले की तरह स्नान न करना या अपने रूप-रंग की परवाह न करना।
6. **खुदकुशी की जानकारी**: इंटरनेट पर खुदकुशी से जुड़ी जानकारी खोजना या इस विषय पर पढ़ना।
7. **नकारात्मक बातें**: “यह सब जल्द समाप्त हो जाएगा”, “मेरे लिए मर जाना बेहतर होगा”, या “कोई भी मुझे याद नहीं करेगा” जैसी बातें करना।
### निष्कर्ष
यह जानकारी केवल जागरूकता के लिए है। यदि आप या आपके किसी जानने वाले को मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्या है, तो कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
**अधिक जानकारी के लिए पढ़ें**: [साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं से बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है?](https://www.abplive.com/lifestyle/health/cbse-board-exam-twice-a-year-know-effects-on-students-mental-health-2899307/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp)
**और पढ़ें**: [दीपिका पादुकोण ने छात्रों को सुनाई अपने डिप्रेशन की कहानी](https://www.abplive.com/lifestyle/health/deepika-padukone-on-depression-with-students-in-pariksha-pe-charcha-2882736/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp/amp)
इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। आइए हम सभी मिलकर इस गंभीर समस्या का समाधान खोजें।