होलिका की अग्नि को अत्यंत पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इसमें सभी नकारात्मक ऊर्जा का नाश हो जाता है। होलिका दहन के समय नारियल जलाना सभी बाधाओं को समाप्त करने का प्रतीक माना जाता है।
कहा जाता है कि अगर किसी को शारीरिक या मानसिक समस्या है, तो उसे रोगी के सिर पर नारियल को सात बार वारकर उसे होलिका की अग्नि में डाल देना चाहिए। ऐसा करने से सभी तनाव दूर हो जाते हैं।
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होलिका दहन के दिन नारियल के गोले को फोड़कर उसमें घी और मिसरी भरें। फिर उसे अग्नि में अर्पित करें और 11 बार होलिका की परिक्रमा करें। इस उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन का आगमन बढ़ता है।
वास्तु के अनुसार, नारियल के साथ कपूर को भी होलिका दहन की अग्नि में डालने से रोग और राहु जनित दोषों का नाश होता है। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों की आयु भी लंबी होती है।
यदि कोई बाधा है या कोई पुराना कार्य अटका हुआ है, तो होलिका दहन के दौरान नारियल लेकर अपनी मनोकामना व्यक्त करें और उसे अग्नि में डाल दें। ऐसा माना जाता है कि इससे सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
होलिका दहन के दिन मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर उसके मुख पर मौली बांधें और उसमें जटा वाला नारियल रखकर जल में प्रवाहित करें। यह उपाय आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकता है। होलिका दहन का यह शुभ मुहूर्त भद्रा की समाप्ति के बाद रात 11:26 से लेकर रात 12:30 तक होगा।