सुभाष घई ने हाल ही में बॉलीवुड में कमाई कर रहे एक्टर्स की उच्च फीस पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। इस बातचीत में उन्होंने यह भी बताया कि इंडस्ट्री में कई ऐसे अभिनेता हैं जो अब प्रोड्यूसर बन चुके हैं, लेकिन उन्हें फिल्म निर्माण और फिल्म व्यवसाय की सही समझ नहीं है। उन्होंने कहा, “जो फिल्म 100 रुपए में बन सकती है, उसे 1000 रुपए में बनाने की क्या आवश्यकता है?” घई ने यूट्यूब चैनल गेम चेंजर्स पर कोमल नाहता के साथ चर्चा करते हुए यह बातें साझा कीं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि, “जब आप 100 रुपए में फिल्म बना सकते हैं, तो 1000 रुपए में बनाने की कोई जरूरत नहीं है। याद रखें, कि कई लोग उस 900 रुपए का उपयोग और अधिक फायदेमंद तरीके से कर सकते हैं।” सुभाष घई ने आगे कहा कि आजकल के समय में अलग-अलग विभागों का विकास हो गया है, जिसके चलते हर किसी के अपने मुद्दे बन गए हैं। पहले हमारी सोच होती थी कि हम कम बजट में फिल्में बनाएंगे।
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घई ने बताया कि पहले वे कभी भी किसी स्टार को फिल्म के बजट का 10-15% से ज्यादा नहीं देते थे। लेकिन अब वे देख रहे हैं कि एक्टर्स को फिल्म के बजट का 70% तक मिल रहा है। यह ट्रेंड फिल्म निर्माता नहीं बल्कि कॉर्पोरेट्स ने शुरू किया है, जबसे व्यवसाय उनके हाथ में आया है।
अपनी प्रोडक्शन कंपनी मुक्ता आर्ट्स की शुरुआत के बारे में बात करते हुए सुभाष घई ने कहा, “मैंने अनुशासन लाने के लिए इस कंपनी की स्थापना की थी। हमने 43 फिल्में बनाई और उनमें से कोई भी फिल्म ओवर बजट नहीं गई। हर फिल्म से हमें प्रॉफिट हुआ क्योंकि हमने अपने बजट का ध्यान रखा।”
सुभाष घई ने यह भी कहा कि पहले हम फिल्मों को भगवान की तरह मानते थे, जबकि अब ऐसा लगता है कि फिल्म के हिट या फ्लॉप होने से किसी को खास फर्क नहीं पड़ता। स्टूडियो में बैठे लोग केवल आपस में पैसे कमा रहे हैं।
सुभाष घई ने बॉलीवुड को कई सफल फिल्में दी हैं। उन्होंने 18 फिल्मों का निर्देशन किया और 43 फिल्मों का निर्माण किया है। उनकी पहली फिल्म ‘कालीचरण’ 1976 में रिलीज हुई थी, जिसमें उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा को कास्ट किया था।