पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार ने एक बड़ा झटका महसूस किया। लगातार दो हफ्तों की बढ़त के बाद इस हफ्ते सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 2.6 प्रतिशत की गिरावट आई। इस गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर संभावित ट्रेड वॉर का खतरा रहा। इसके साथ ही, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने भी भारतीय बाजार पर नकारात्मक असर डाला।
शुक्रवार को सेंसेक्स 2,050 अंक गिरकर 75,364.69 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 614.8 अंक लुड़ककर 22,904.45 पर पहुँच गया। शुक्रवार को ही निफ्टी और सेंसेक्स में क्रमशः 1.5 प्रतिशत और 1.2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
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बाजार क्यों गिरा?
अमेरिका और अन्य देशों के बीच टैरिफ की लड़ाई ने वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता का माहौल पैदा किया। अमेरिकी शेयर बाजार में आई भारी गिरावट ने घरेलू निवेशकों की उम्मीदों को भी धक्का दिया। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने फिर से भारतीय शेयरों की बिक्री शुरू कर दी।
IT और मेटल सेक्टर पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा, जहां IT इंडेक्स 5 साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट में 9.2 प्रतिशत गिरा। मेटल और एनर्जी स्टॉक्स में भी क्रमशः 7.5 प्रतिशत और 3.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। बाजार की अस्थिरता के बीच ‘डिफेंसिव बायिंग’ भी देखी गई।
फार्मा सेक्टर में उतार-चढ़ाव
हफ्ते के बीच फार्मा स्टॉक्स में तेजी आई जब इस सेक्टर को टैरिफ से छूट मिली, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की चेतावनी ने इस रैली को भी थाम दिया। परिणामस्वरूप, फार्मा इंडेक्स शुक्रवार को 4 प्रतिशत गिर गया।
आने वाले हफ्ते का अनुमान
द मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों का मानना है कि निफ्टी अब सभी महत्वपूर्ण मूविंग एवरेज सपोर्ट से नीचे जा चुका है। अगला सपोर्ट स्तर 22,600 पर है और यदि यह टूटता है तो 22,100 तक गिरावट की संभावना है। वहीं, ऊपर की ओर 23,100 से 23,400 अब एक बड़ा रेजिस्टेंस बन चुका है। Bank Nifty ने बाजार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। इसका पहला सपोर्ट 50,700 है और यदि यह 52,800 से ऊपर निकलता है तो नया उच्च स्तर संभव है। यह 21- और 55-दिन के EMA के ऊपर बना हुआ है, जो शॉर्ट टर्म में सकारात्मक संकेत देता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक बाजार 22,100 के सपोर्ट को फिर से टेस्ट नहीं करता या कोई मजबूत रिवर्सल नहीं आता, तब तक “Sell on Rise” की रणनीति अपनाना बेहतर होगा। स्टॉक-विशेष अवसरों पर ध्यान दें, क्योंकि अर्निंग सीजन भी शुरू हो रहा है। बैंकिंग और फाइनेंशियल स्टॉक्स में अभी भी मजबूती दिखाई दे रही है। वहीं, लंबी पोजीशन रखने वाले निवेशकों को हेजिंग पर विचार करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी केवल सूचना के लिए है। यह आवश्यक है कि निवेशक बाजार में निवेश के जोखिमों को समझें और अपनी पूंजी लगाने से पहले हमेशा विशेषज्ञ की सलाह लें। ABPLive.com की तरफ से किसी को भी निवेश करने की सलाह नहीं दी जाती है।