Trump Reciprocal Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों में रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद एप्पल के शेयरों में 7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. इसमें चीन, भारत और वियतनाम में कंपनी की उत्पादन यूनिट भी शामिल हैं. आईफोन बनाने वाली एप्पल कंपनी को अब तक अपने व्यवसाय में कोई गंभीर कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा था, लेकिन ट्रंप के टैरिफ लगाने के निर्णय के बाद कंपनी के लिए आगे का रास्ता चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
भारत में तेजी से आगे बढ़ता एप्पल
कंपनी ने भारत में अपने iPhone उत्पादन का 10 से 15 प्रतिशत हिस्सा स्थानांतरित कर दिया है. इसके साथ ही भारत अब इसके उत्पादों के निर्यात का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है. ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 27 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाया है. भारत में कंपनी को आईफोन असेंबल करने में फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स मदद कर रहे हैं. इसके अलावा, केंद्र सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव यानी PLI योजना के चलते एप्पल ने भारत में उत्पादन का एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, जिससे भारत में बने आईफोनों का निर्यात भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है.
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चीन और वियतनाम में भी एप्पल का कारोबार
कहा जा रहा है कि कंपनी ने पहले के 14 सप्लायर्स की तुलना में अब भारत में अपने सप्लायर बेस को बढ़ाकर 64 कर दिया है, जो कंपनी की असेंबलिंग दिशा में बढ़ते दायरे का संकेत है. ट्रंप ने चीन से आयात पर 34 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिसमें पहले से लागू 20 प्रतिशत टैरिफ भी शामिल है. इस प्रकार, अमेरिका ने चीन पर कुल मिलाकर 54 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. जबकि चीन में एप्पल की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थित है. वियतनाम में अमेरिका ने कुल 46 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जहां कंपनी के कुछ एयरपॉड्स, आईपैड, एप्पल वॉच और मैक बनाए जाते हैं.
टैरिफ से पड़ेगा एक्सपोर्ट पर भारी असर
टैरिफ लागू होने का अर्थ यह है कि एप्पल के लिए इन देशों में बने अपने उत्पादों का अमेरिका में निर्यात महंगा हो जाएगा. ऐसी स्थिति में कंपनी या तो अपने उत्पादन को घटा सकती है या फिर अतिरिक्त लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डाल सकती है, जिससे कंपनी के उत्पाद महंगे हो जाएंगे. भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक चांडक ने इस विषय पर द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि टैरिफ से भारत के बढ़ते निर्यात पर असर पड़ सकता है, लेकिन भारत इस प्रतिस्पर्धा में आगे रह सकता है क्योंकि चीन, वियतनाम, ताइवान और थाईलैंड पर इससे भी अधिक टैरिफ लागू हुआ है.
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