आज के समय में वही देश आर्थिक रूप से सबसे मजबूत होगा, जहां सबसे ज्यादा अमीर व्यापारी मौजूद होंगे। इसी कारण कई देश ऐसी नीतियां बना रहे हैं जो इन करोड़पतियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं।
दुनिया का एक समृद्ध मुस्लिम देश भी ऐसा ही कर रहा है, जिसके चलते भारत समेत अन्य देशों के व्यापारी वहां जाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। आइए, हम आपको इस विषय में विस्तार से जानकारी देते हैं।
कौन सा मुस्लिम देश आकर्षित कर रहा है करोड़पतियों को
जिडेंस और सिटिजनशिप एडवाइजरी फर्म हेनले एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय दुनिया के अमीरों के लिए सबसे पसंदीदा स्थान संयुक्त अरब अमीरात है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2025 के अंत तक लगभग 6700 करोड़पति यहां स्थानांतरित हो सकते हैं। इसके साथ ही, भारतीय व्यापारी और करोड़पति भी तेजी से दुबई की ओर बढ़ रहे हैं। इसके पीछे संयुक्त अरब अमीरात का उच्च गुणवत्ता वाला बुनियादी ढांचा और बेहतर जीवनशैली मुख्य कारण हैं।
क्यों जा रहे हैं अमीर लोग संयुक्त अरब अमीरात
यूएई अब दुनिया के बिजनेसमैन और अमीर निवेशकों के लिए एक प्रमुख स्थान बनता जा रहा है। इसकी प्रमुख वजहें हैं वर्ल्ड-क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर, उन्नत जीवनशैली, कम कर और निवेश के लिए अनुकूल नीतियां। वास्तव में, यूएई में कोई इनकम टैक्स नहीं है, जबकि भारत में उच्च कर दरें हैं। दुबई में कॉर्पोरेट टैक्स 9 प्रतिशत है, जबकि भारत में कैपिटल गेन्स टैक्स, स्टाम्प ड्यूटी और अन्य शुल्क निवेशकों पर भारी पड़ते हैं।
इसके अलावा, गोल्डन वीजा प्रोग्राम के तहत 4.7 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने पर 10 साल की निवास अवधि मिलती है, जो भारतीय और अन्य निवेशकों के लिए आकर्षक है। साथ ही, यूएई का रियल एस्टेट मार्केट भारतीय निवेशकों को सस्ती और बेहतर रिटर्न वाली संपत्तियों की पेशकश करता है। मुंबई और दिल्ली-एनसीआर की तुलना में दुबई में संपत्तियों की कीमतें कम हैं, जबकि किराए का रिटर्न 7-10 प्रतिशत तक है, जो भारत के 2-5 प्रतिशत के मुकाबले कहीं अधिक है।