फाइनेंस बिल 2025 लोकसभा में पास हुआ: आज लोकसभा ने फाइनेंस बिल 2025 को पारित किया, जिसमें सरकार द्वारा 35 संशोधन किए गए हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6 प्रतिशत डिजिटल टैक्स अब समाप्त कर दिया गया है. इसके साथ ही, लोकसभा ने बजट प्रक्रिया का अपना भाग पूरा कर लिया है. अब यह बिल राज्यसभा में प्रस्तुत किया जाएगा, जहां से स्वीकृति मिलने के बाद 2025-26 का बजट पूरी तरह से लागू होगा.
बजट 2025-26 में क्या शामिल है?
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कुल खर्च: 50.65 लाख करोड़ रुपये जो पिछले वर्ष की तुलना में 7.4 प्रतिशत अधिक है.
कैपिटल एक्सपेंडिचर: 11.22 लाख करोड़ रुपये
टैक्स कलेक्शन टारगेट: 42.70 लाख करोड़ रुपये
कर्ज लेने की योजना: 14.01 लाख करोड़ रुपये
पैसा कहां जाएगा?
केंद्रीय योजनाओं के लिए: 5.41 लाख करोड़ रुपये जो पिछले साल 4.15 लाख करोड़ रुपये था.
केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए: 16.29 लाख करोड़ रुपये.
राज्यों को ट्रांसफर: 25.01 लाख करोड़ रुपये जो पिछले साल से 4.91 लाख करोड़ रुपये अधिक है.
खर्च में बढ़ोतरी का कारण?
बाजार में कर्ज पर ब्याज की अदायगी में वृद्धि
सेना के लिए अधिक फंड आवंटित किया गया
रोजगार योजनाओं के लिए ज्यादा प्रावधान किया गया
फिस्कल डेफिसिट और GDP का अनुमान
2025-26 का फिस्कल डेफिसिट: 4.4 प्रतिशत (इस वर्ष 4.8 प्रतिशत है)
GDP का अनुमान: 3,56,97,923 करोड़ रुपये (पिछले साल की तुलना में 10.1 प्रतिशत की वृद्धि)
आम नागरिक के लिए क्या महत्वपूर्ण है
ऑनलाइन विज्ञापनों पर टैक्स हटने से डिजिटल मार्केटिंग सस्ती हो जाएगी.
राज्यों को अधिक फंड मिलने से विकास कार्यों में तेजी आएगी.
रोजगार योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने से नए नौकरी के अवसर बढ़ सकते हैं.
अब देखना यह है कि राज्यसभा इस बिल को कब पारित करती है और नया बजट कैसे लागू होगा. सरकार का दावा है कि यह बजट अर्थव्यवस्था को और मजबूत करेगा, जबकि विपक्ष इसे “चुनावी बजट” करार दे रहा है.
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