Boeing Layoff: अमेरिकी एयरक्राफ्ट निर्माता कंपनी बोइंग ने अपने बेंगलुरू स्थित इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी सेंटर से 180 कर्मचारियों की छंटनी की है। कंपनी अपने वैश्विक कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या में कमी लाने की प्रक्रिया में है। भारत में बोइंग के लगभग 7,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
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भारी कर्ज के संकट में फंसी बोइंग
सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में बोइंग कई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है। पिछले साल, कंपनी ने अपने वर्कफोर्स में 10 प्रतिशत की कमी करने का संकेत दिया था। लेकिन हाल की छंटनी पर कंपनी ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि कंपनी की रणनीतिक समायोजन के तहत कुछ पद प्रभावित हुए हैं, हालांकि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इसका ग्राहकों या सरकारी संचालन पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
भारत में संतुलित तरीके से छंटनी
कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि कुछ पुराने पदों को समाप्त करने के साथ ही नए पद भी बनाए गए हैं। भारत में ग्राहक सेवा, सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों को बनाए रखने के उद्देश्य से बोइंग ने छंटनी को संतुलित तरीके से किया है। उल्लेखनीय है कि बेंगलुरू और चेन्नई में बोइंग इंडिया इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (BIETC) में उन्नत एयरोस्पेस निर्माण का कार्य होता है।
बोइंग को मिला महत्वपूर्ण कॉन्ट्रैक्ट
इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बोइंग को अमेरिकी वायुसेना के लिए सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान बनाने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है। इस खबर से कंपनी के शेयरों में काफी तेजी आई है। नेक्स्ट जनरेशन एयर डोमिनेंस (NGAD) कार्यक्रम के तहत विकसित किया जा रहा यह छठी पीढ़ी का फाइटर जेट F-47 के नाम से जाना जाएगा, जो कि पांचवीं पीढ़ी के F-22 रैप्टर की जगह लेगा।
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