चैत्र नवरात्र के दौरान माता के मंदिरों में भक्तों की संख्या काफी अधिक होती है। इस लेख में हम मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित एक विशेष मंदिर के बारे में जानकारी देंगे। यह मंदिर विजय नगर चौराहा पर स्थित कालिका धाम है, जो 1940 में स्थापित किया गया था।
यहां भक्तों का ध्यान आकर्षित करने वाला माता का खूबसूरत श्रृंगार प्रतिदिन देखने को मिलता है। कालिका धाम पूर्वी क्षेत्र के विजय नगर चौराहे पर स्थित है और भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बन चुका है।
भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए माता को नींबू की माला चढ़ाते हैं। यह माला 11, 21 या 51 नींबू की होती है। हर शनिवार लगभग 400 से अधिक भक्त इस माला को अर्पित करते हैं। अर्पित नींबू का उपयोग फूल-पत्तियों के साथ खाद बनाने के लिए किया जाता है।
यहां माता की मूर्ति चारभुजाधारी है और इसकी ऊंचाई पांच फीट है। माता का स्वरूप यहां बहुत ही सौम्य है, जिसमें एक हाथ में खड्ग और दूसरे में नरमुंड है। यह मंदिर 82 वर्ष पहले स्थापित हुआ था और पहले इसका क्षेत्रफल 150 वर्गफीट था, जिसे समय के साथ भक्तों के सहयोग से बढ़ाया गया।
इस मंदिर में भगवान शिव, ठाकुरजी, बालाजी और भैरव बाबा के भी मंदिर हैं। यहां प्रतिदिन विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिसमें स्थानीय युवा बड़े उत्साह के साथ भाग लेते हैं।
चैत्र नवरात्र के दौरान इस मंदिर को किले के आकार में सजाया गया है, जिसमें हिंदुत्व के रक्षक योद्धाओं के जीवन को दर्शाया गया है। इसके साथ ही सवा लाख काली चालीसा का पाठ भी किया जा रहा है।
महामाई के दरबार में शतचंडी महायज्ञ एवं अखंड दुर्गा सप्तशती का पाठ योगी पीर रामनाथ महाराज के सानिध्य में हो रहा है। कहा जाता है कि काली चालीसा के पाठ से शत्रु का भय समाप्त होता है। चारों नवरात्रों में यहां विशेष पूजन और उत्सव आयोजित होते हैं।
माता कालिका के अनेक स्वरूप हैं, जिनमें उग्र, कृष्ण और सौम्य शामिल हैं। कालिका धाम में सौम्य स्वरूप भक्तों को आर्कषित करता है। यहां सालभर विभिन्न अनुष्ठान होते रहते हैं। मां को चढ़ाए गए नींबू की माला फूल-पत्तियों की खाद में एसिड का काम करती है। निगम का वाहन इन्हें लेने के लिए विशेष रूप से आता है।
एक भक्त ने कहा कि माता का हर स्वरूप कल्याणकारी है और उनके पूजन से सभी सुखों की प्राप्ति होती है। मैं नवरात्र के दौरान माता के दर्शन के लिए यहां अवश्य आती हूं। उनकी कृपा से मुझे निरंतर सफलता मिल रही है और यहां का हर दिन अलग-अलग माता का श्रृंगार मेरे उत्साह को बढ़ाता है।