29 मार्च को शनि देव शनिश्चरी अमावस्या पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि परिवर्तन से मीन राशि में 57 साल बाद पंचग्रही युति बनेगी। इसका प्रभाव सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, प्राकृतिक रूप से महसूस होगा।
अपडेट की तारीख: Fri, 07 Mar 2025 12:37:37 AM (IST)

हाइलाइट्स
- शनि देव शनिश्चरी अमावस्या पर राशि में परिवर्तन करेंगे।
- यह राशि परिवर्तन धर्म और अध्यात्म को बढ़ावा देगा।
- इसी दिन अस्त शनि ग्रह का वापस उदय होगा।
न्यूज़स्टेट24 प्रतिनिधि, उज्जैन (Saturn Transit 2025)। न्याय के देवता शनि शनिश्चरी अमावस्या पर 29 मार्च को राशि में परिवर्तन करेंगे। शनि कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के इस राशि परिवर्तन से मीन राशि में 57 साल बाद पंचग्रही युति बनेगी।
इसका प्रभाव सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, प्राकृतिक रूप से महसूस होगा। विभिन्न राशियों के जातकों के लिए यह समय उतार-चढ़ाव भरा रहेगा। खास बात यह है कि इसी दिन शनि का उदय भी हो रहा है।
शनि एक राशि में लगभग तीन वर्ष तक गोचर करते हैं
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि की चाल बहुत धीमी है। शनि एक राशि में लगभग तीन वर्ष तक गोचर करते हैं। वर्तमान में शनि कुंभ राशि में गोचरस्थ हैं, जो 29 मार्च को शनिश्चरी अमाव्यसा के दिन मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में प्रवेश करते ही शनि यहां अन्य चार ग्रहों से युति बनाएंगे।
1968 में बनी थी पंचग्रही युति
शनि की पंचग्रही युति पहले सन 1968 में बनी थी। अर्थात यह संयोग 57 साल बाद फिर से बन रहा है। 29 मार्च को शनि उदय भी हो रहे हैं। शनि का यह परिवर्तन धर्म और अध्यात्म को बढ़ावा देगा। कानून में नए संशोधन होंगे। आम जनता का धर्म के प्रति जुड़ाव बना रहेगा।
वर्षों में ऐसे संयोग होते हैं
पं. डब्बावाला ने बताया कि चैत्र मास की अमावस्या शनिवार को होने से उसे शनिश्चरी अमाव्स्या कहा जाएगा। इस दिन शनि का उदय हो रहा है और शनिदेव इस दिन राशि में परिवर्तन कर रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण संयोग है।
इस दिन चंद्रमा का भी पंचग्रही युति के साथ संबंध होगा। इस दिन पितृदेवों के लिए तर्पण, पूजन, शनिदेव का तेलाभिषेक करना और शनि की वस्तुओं का दान करना विशेष महत्वपूर्ण है। जिन जातकों को शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है, उन्हें नियमित रूप से शनि की पूजा करनी चाहिए।
पूरी दुनिया में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन होंगे
ग्रहों की युति विभिन्न दिशाओं से जुड़े राष्ट्रों में अपना प्रभाव डालती है। पूरी दुनिया में विभिन्न विचार संवर्धन होंगे। साथ ही मानव सभ्यता के सुरक्षित रखने के लिए नए-नए उपाय सामने आएंगे।
आधुनिकता के चलते जीवन को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए लोग परिश्रम और मानसिक परिवर्तन के साथ आगे बढ़ेंगे। जिससे प्राकृतिक संतुलन को सुरक्षित रखने में मदद मिले। इस संदर्भ में पर्यावरण की दृष्टि से सकारात्मक परिवर्तन होंगे। दुनिया भर में प्राकृतिक और पर्यावरण विज्ञान में विशेष अनुसंधान और सुरक्षा के नए तरीके विकसित होंगे।
इन राशियों पर इस प्रकार का प्रभाव होगा
- मेष : शनि की साढ़ेसाती का पहला ढैय्या शुरू होगा, ज्यादा सोचने से बचें, जल्दबाजी से बचें, शनि के उपाय से लाभ होगा।
- वृषभ : कार्यों में प्रगति होगी, लेकिन बिना सावधानी के नुकसान हो सकता है।
- मिथुन : स्वास्थ्य में सुधार होगा, पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, आर्थिक स्थिति अच्छी होगी।
- कर्क : शनि की साढ़ेसाती खत्म होगी, मित्रों के साथ लाभ होगा, व्यापार में उन्नति होगी।
- सिंह : शनि की साढ़ेसाती शुरू होगी, रुके कार्य पूरे होंगे, समय अच्छा रहेगा।
- कन्या : मित्र और परिवार से सहायता मिलेगी, आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- तुला : शनि की सहायता के लिए विशेष उपाय की आवश्यकता होगी, बड़े पद पर लाभ होगा।
- वृश्चिक : सहायक क्षेत्र से लाभ होगा, आर्थिक समस्याओं का समाधान होगा।
- धनु : धन में वृद्धि, नए वाहन की प्राप्ति, आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- मकर : शनि की साढ़ेसाती समाप्त होगी, कार्य तेजी से बढ़ेंगे।
- कुंभ : उदारता में वृद्धि होगी, स