चैत्र नवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है और भक्त पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से व्रत एवं पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन एक विशेष रंग का महत्व होता है, जिसे पहनने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और यह भक्तों को शुभ फल प्रदान करता है। आइए जानते हैं कि चैत्र नवरात्रि के प्रत्येक दिन कौन से रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए और उनका धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व क्या है।
चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों के लिए शुभ रंग और उनका महत्व
पहला दिन – पीला रंग
नवरात्रि का पहला दिन माँ शैलपुत्री को समर्पित होता है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह रंग ज्ञान, प्रसन्नता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। पीले रंग के कपड़े पहनने से मन में उत्साह बना रहता है और दिनभर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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दूसरा दिन – हरा रंग
माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना के दिन हरे रंग को शुभ माना जाता है। हरा रंग प्रकृति, वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनने से मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
तीसरा दिन – ग्रे रंग
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन ग्रे (धूसर) रंग धारण करना शुभ होता है। यह रंग संतुलन, संयम और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। ग्रे रंग माँ चंद्रघंटा की शांति और धैर्य का प्रतीक भी है।
चौथा दिन – नारंगी रंग
माँ कूष्मांडा की उपासना के दिन नारंगी रंग धारण करने से विशेष लाभ मिलता है। यह रंग आध्यात्मिकता, ऊर्जा और आत्मविश्वास का प्रतीक होता है। इस दिन नारंगी वस्त्र पहनकर माँ की आराधना करने से जीवन में उन्नति होती है।
पाँचवा दिन – सफेद रंग
नवरात्रि के पाँचवे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन सफेद रंग पहनना अत्यंत शुभ होता है, क्योंकि यह रंग शुद्धता, शांति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। सफेद रंग के वस्त्र पहनने से मन शांत रहता है और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
छठा दिन – लाल रंग
छठे दिन माँ कात्यायनी की उपासना की जाती है। इस दिन लाल रंग पहनना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह शक्ति, ऊर्जा और साहस का प्रतीक होता है। लाल वस्त्र पहनकर माँ की आराधना करने से जीवन में शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
सातवां दिन – नीला रंग
माँ कालरात्रि की पूजा के दिन नीले रंग को शुभ माना जाता है। नीला रंग दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास और गहराई का प्रतीक होता है। यह रंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक माना जाता है।
आठवां दिन – गुलाबी रंग
अष्टमी के दिन माँ महागौरी की आराधना की जाती है। गुलाबी रंग प्रेम, करुणा और स्नेह का प्रतीक है। इस दिन गुलाबी वस्त्र पहनकर माँ की उपासना करने से जीवन में प्रेम और सौहार्द बना रहता है।
नवां दिन – बैंगनी रंग
नवरात्रि के अंतिम दिन, नवमी को माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन बैंगनी रंग पहनना शुभ होता है, क्योंकि यह आध्यात्मिकता, शक्ति और ऐश्वर्य का प्रतीक है। यह रंग माँ के आशीर्वाद से नई ऊँचाइयों को प्राप्त करने का संकेत देता है।