केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में जानकारी दी कि देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू की गई 5जी सेवा अब 776 में से 773 जिलों में उपलब्ध है, जिसमें लक्षद्वीप भी शामिल है। संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 28 फरवरी तक देशभर में टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं ने 4.69 लाख 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित किए हैं।
5G का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार
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टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने देशभर में 5जी सेवाओं का विस्तार किया है और स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए नोटिस इनवाइटिंग एप्लीकेशन (एनआईए) में निर्धारित न्यूनतम रोलआउट दायित्वों को पार कर लिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन दायित्वों से आगे बढ़कर मोबाइल सेवा का विकास टीएसपी के टेक्नो-कमर्शियल विचारों पर निर्भर करता है।
सरकार की पहलें
5जी सेवा को प्रारंभ करने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे 5जी मोबाइल सेवा के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी; एडजस्टेड ग्रोस रेवेन्यू (एजीआर), बैंक गारंटी और ब्याज दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए वित्तीय सुधार; 2022 की नीलामी और उसके बाद के स्पेक्ट्रम के लिए स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क को समाप्त करना; प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए मंजूरी के लिए कदम उठाना; पीएम गतिशक्ति संचार पोर्टल और आरओडब्ल्यू (राइट ऑफ़ वे) नियमों का शुभारंभ करना। इसके साथ ही, छोटे सेल और दूरसंचार लाइनों की स्थापना के लिए स्ट्रीट फर्नीचर के उपयोग को समयबद्ध अनुमतियों के माध्यम से सक्षम करना।
रोलआउट में तेजी
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के अनुसार, भारतीय टेलीकॉम उद्योग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ रहा है और इसमें विस्तार की विशाल संभावनाएं मौजूद हैं। लगभग 1,187 मिलियन ग्राहकों के साथ, शहरी टेली-घनत्व 131.01 प्रतिशत तक पहुँच गया है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 58.31 प्रतिशत है। 5जी का रोलआउट तेजी से हो रहा है, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), स्वदेशी डेटा सेट और स्थानीयकृत डेटा सेंटर की स्थापना के साथ सहारा मिल रहा है।
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