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भारतीय अर्थव्यवस्था ने फिर से अपनी ताकत दिखाई वृद्धि दर जी 20 देशों में सबसे तेज है रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आंकड़े जारी किए

Moody’s Report: रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को जानकारी दी कि भारत की अर्थव्यवस्था इस वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो कि G-20 के विकसित और उभरते देशों में सबसे अधिक है। टैक्स में छूट और RBI द्वारा ब्याज दरों में कमी जैसे उपायों से इस वृद्धि में मदद मिलेगी। इसके []

Published: Tuesday, 1 April 2025 at 08:26 pm | Modified: Thursday, 3 April 2025 at 03:09 am | By: Kapil Sharma | 📂 Category: कारोबार

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भारतीय अर्थव्यवस्था ने फिर से अपनी ताकत दिखाई वृद्धि दर जी 20 देशों में सबसे तेज है रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आंकड़े जारी किए

Moody’s Report: रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मंगलवार को जानकारी दी कि भारत की अर्थव्यवस्था इस वर्ष 2024-25 में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो कि G-20 के विकसित और उभरते देशों में सबसे अधिक है।

टैक्स में छूट और RBI द्वारा ब्याज दरों में कमी जैसे उपायों से इस वृद्धि में मदद मिलेगी। इसके अलावा, भारत विदेशी निवेश को आकर्षित करने और वैश्विक बाजार की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम रहेगा।

क्या कहा मूडीज ने? मूडीज ने भारत की अर्थव्यवस्था के संदर्भ में दो महत्वपूर्ण बिंदुओं की प्रशंसा की। पहला बिंदु 2024-25 में GDP वृद्धि दर का है। मूडीज के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था इस वर्ष 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। हालाँकि, पिछले वर्ष यह दर 6.7 प्रतिशत थी।

दूसरा बिंदु महंगाई से संबंधित है। मूडीज के अनुसार, इस वर्ष महंगाई औसतन 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह 4.9 प्रतिशत थी।

क्यों मजबूत है भारत? सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में महत्वपूर्ण छूट प्रदान की है। अब भारत में 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है।

RBI ने फरवरी में ब्याज दर में कटौती की थी और 9 अप्रैल को फिर से कटौती की संभावना है। विदेशी निवेशकों का भारत में विश्वास बढ़ा है, क्योंकि भारत का बाहरी कर्ज कम है और विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत बना हुआ है।

अमेरिकी पॉलिसी का क्या असर? मूडीज के अनुसार, अमेरिका की नीतियों से उभरते बाजारों में पूंजी का प्रवाह हो सकता है, लेकिन भारत और ब्राज़ील जैसे बड़े देश इससे बचने की क्षमता रखते हैं।

इसके पीछे के कारणों में बड़ा घरेलू बाजार, स्थिर मौद्रिक नीति और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार शामिल हैं। इन्हीं कारणों की वजह से भारतीय बाजार अमेरिका की टैरिफ नीतियों के सामने मजबूती से खड़ा रह सकता है।

एशिया में कहां कमजोर है ग्रोथ? चीन में निर्यात और इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश से ग्रोथ मजबूत है, लेकिन वहां घरेलू मांग कमजोर बनी हुई है। वहीं, छोटी अर्थव्यवस्थाएं जैसे अर्जेंटीना और कोलंबिया डॉलर के मुकाबले अपनी करेंसी में उतार-चढ़ाव से अधिक प्रभावित हो सकती हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट? मूडीज़ का मानना है कि भारत में घरेलू मांग, टैक्स सुधार और RBI की आसान लोन पॉलिसी ग्रोथ को समर्थन प्रदान करेगी। इसके साथ ही, वैश्विक असंतुलन के बावजूद भारत में निवेश का प्रवाह बना रहेगा।

अगर RBI एक बार फिर ब्याज दर में कटौती करती है और सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाती है, तो भारत 2025 तक दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।

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