खबर मध्य प्रदेश के जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों से है। टमाटर की खेती करने वाले किसानों को इस समय गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस वर्ष टमाटर की पैदावार तो अच्छी हुई है लेकिन मंडी में इसकी कीमतें इतनी कम हैं कि किसान अपने खर्च को भी नहीं निकाल पा रहे हैं। []
Published: Tuesday, 1 April 2025 at 05:30 pm | Modified: Thursday, 3 April 2025 at 03:09 am | By: Kapil Sharma | 📂 Category: शहर और राज्य
खबर मध्य प्रदेश के जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों से है। टमाटर की खेती करने वाले किसानों को इस समय गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस वर्ष टमाटर की पैदावार तो अच्छी हुई है लेकिन मंडी में इसकी कीमतें इतनी कम हैं कि किसान अपने खर्च को भी नहीं निकाल पा रहे हैं। शिमला मिर्च की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है।
कई किसानों ने अपने खेतों से टमाटर मुफ्त बांटने का निर्णय लिया है क्योंकि उन्हें तोड़ने और मंडी तक ले जाने का खर्च भी नहीं मिल रहा है। इस साल जबलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में टमाटर के दाम किसानों की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।
खेतों में टमाटर की इतनी अधिक उपज है कि किसान निराश हो रहे हैं। गांव हो या शहर, हर जगह टमाटर की भरपूर मात्रा है लेकिन खरीदार कम हैं। खेतों में पके हुए टमाटर लदे हुए हैं, लेकिन उन्हें तोड़ने वाला कोई नहीं है। किसानों का कहना है कि मुनाफा तो दूर की बात है, बल्कि टमाटर की तुड़ाई की लागत भी नहीं निकल पा रही है। ऐसे में उनकी मेहनत का कोई मतलब नहीं रह जाता।
इसका परिणाम यह हो रहा है कि टमाटर खेत में ही सूख रहे हैं या सड़ रहे हैं। इसीलिए, किसानों ने आसपास के गांवों में सूचना दी है कि जो भी टमाटर चाहिए, वह खेत से मुफ्त में ले जा सकता है।
कुछ किसानों की हालत और भी खराब है। वे कहते हैं कि जितना टमाटर बिक जाए, उतना बेच दो, अन्यथा मुफ्त में ही दे दो। जमुनिया गांव के किसान रोबिन राय लगभग 25 से 26 एकड़ में सब्जियों की खेती करते हैं। उन्होंने भी टमाटर की फसल लगाई थी जिसमें उन्होंने 60 से 70 हजार रुपये खर्च किए। लेकिन जब टमाटर के दाम नहीं मिले, तो उन्होंने टमाटर की तुड़ाई भी बंद कर दी। उनका कहना है कि जब टमाटर 1 या 2 रुपये किलो बिक रहा है, तो वे क्या कमाएंगे। इस स्थिति में और नुकसान उठाने से बचने के लिए उन्होंने टमाटर मुफ्त में देने का निर्णय लिया।
बाजार में टमाटर की स्थिति जानने के लिए सब्जी व्यापारियों से बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि स्थानीय टमाटर की आवक इतनी अधिक है कि बाहर से टमाटर लाने की कोई आवश्यकता नहीं है। यहां टमाटर 1 रुपये या 2 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। कई जगह तो 10 रुपये में 5 किलो तक टमाटर बेचा जा रहा है।