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“तमिलनाडु सरकार का बड़ा कदम: बजट में रुपए के प्रतीक ‘₹’ को बदला, अब तमिल में होगा ‘ரூ’ – DMK और केंद्र के बीच बढ़ता विवाद!”

**तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच नई शिक्षा नीति (NEP) और त्रिभाषा नीति पर विवाद: जानें … “तमिलनाडु सरकार का बड़ा कदम: बजट में रुपए के प्रतीक ‘₹’ को बदला, अब तमिल में होगा ‘ரூ’ – DMK और केंद्र के बीच बढ़ता विवाद!”Read more

**तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच नई शिक्षा नीति (NEP) और त्रिभाषा नीति पर विवाद: जानें पूरी कहानी**

![नई शिक्षा नीति](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000×1000/web2images/521/2025/03/13/s6-5_1741855786.gif)

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हाल ही में, तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने राज्य के बजट में रुपए के प्रतीक को बदलकर तमिल में ‘ரூ’ कर दिया है। यह बदलाव मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अगुवाई में किया गया है, जो DMK की सरकार का हिस्सा हैं।

वर्तमान में, केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच हिंदी भाषा को लेकर विवाद चल रहा है। केंद्र ने नई शिक्षा नीति के तहत त्रिभाषा नीति को लागू करने की मांग की है, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और स्थानीय भाषा शामिल हैं, जबकि तमिलनाडु सरकार हिंदी के खिलाफ है।

### रुपए के प्रतीक का इतिहास

रुपए का प्रतीक ₹, जो कि देवनागरी के ‘र’ और लैटिन अक्षर ‘R’ का संयोजन है, को 15 जुलाई 2010 को भारत सरकार ने अपनाया था। इसे IIT मुंबई के पूर्व छात्र उदय कुमार ने डिज़ाइन किया था, जिसके लिए उन्हें 2.5 लाख रुपये का पुरस्कार भी मिला था।

### त्रिभाषा नीति पर विवाद की शुरुआत

इस विवाद की शुरुआत कुछ प्रमुख घटनाओं से हुई:

– **15 फरवरी:** केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु सरकार पर राजनीतिक हित साधने का आरोप लगाया।
– **18 फरवरी:** DMK नेता उदयनिधि ने कहा कि केंद्र को भाषा युद्ध शुरू नहीं करना चाहिए।
– **23 फरवरी:** धर्मेंद्र प्रधान ने स्टालिन को पत्र लिखकर NEP के विरोध की आलोचना की।
– **25 फरवरी:** स्टालिन ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र हिंदी को थोपने की कोशिश करेगा, तो राज्य एक और भाषा युद्ध के लिए तैयार है।

### NEP 2020 का उद्देश्य

NEP 2020 के तहत, छात्रों को तीन भाषाएं सीखने की आवश्यकता होगी, लेकिन कोई भी भाषा अनिवार्य नहीं होगी। राज्यों और स्कूलों को यह तय करने की स्वतंत्रता है कि वे कौन-सी भाषाएं पढ़ाना चाहते हैं। प्राथमिक कक्षाओं में मातृभाषा या स्थानीय भाषा में पढ़ाई कराने की सिफारिश की गई है, जबकि मध्य कक्षाओं में तीन भाषाओं की पढ़ाई अनिवार्य है। गैर-हिंदी भाषी राज्यों में, यह अंग्रेजी या एक आधुनिक भारतीय भाषा हो सकती है।

### मद्रास हाईकोर्ट का फैसला

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने हाल ही में कहा है कि तमिलनाडु में सरकारी नौकरी की इच्छा रखने वालों के लिए तमिल पढ़ना और लिखना अनिवार्य होगा। यह टिप्पणी तब की गई जब एक जूनियर सहायक ने अनिवार्य तमिल भाषा परीक्षा पास नहीं की थी।

इस विवाद और नए बदलावों के बारे में आपकी क्या राय है? अपने विचार साझा करें!

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb

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