Arvind Kejriwal Bungalow Controversy: दिल्ली सरकार ने केजरीवाल के ‘शीश महल’ यानि 6 फ्लैगस्टाफ रोड बंगले के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जानिए रेखा गुप्ता सरकार की नई योजना और इसका भविष्य किस दिशा में बढ़ेगा?
केजरीवाल के शीशमहल में अब बनेगा स्टेट गेस्ट हाउस
हाइलाइट्स
- दिल्ली सरकार केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टाफ रोड बंगले को म्यूजियम में नहीं बदलने जा रही है।
- इस बंगले को स्टेट गेस्ट हाउस में तब्दील करने की योजना बनाई जा रही है।
- दिल्ली में आने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए एक स्टेट गेस्ट हाउस की आवश्यकता है।
नई दिल्ली. दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अरविंद केजरीवाल के 6 फ्लैग स्टाफ रोड बंगले को म्यूजियम के रूप में परिवर्तित नहीं किया जाएगा। आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान, बीजेपी ने इस बंगले को ‘शीश महल’ के नाम से संबोधित किया था। अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद के लंबे कार्यकाल के दौरान, यह बंगला उनका आधिकारिक निवास रहा है और अब इसे स्टेट गेस्ट हाउस में बदलने की योजना बनाई जा रही है।
बीजेपी ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान इस बंगले के नवीनीकरण पर हुए खर्च को लेकर AAP सरकार पर तीखा हमला किया था। पार्टी ने इसे ‘आम आदमी’ की पार्टी होने के AAP के दावे के विरुद्ध बताया था। एक सरकारी अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में आने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक स्टेट गेस्ट हाउस की आवश्यकता महसूस हो रही है। अन्य राज्यों की तरह, दिल्ली में कोई गेस्ट हाउस उपलब्ध नहीं है। 6 फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित इस बंगले को उसके बड़े क्षेत्र और महत्वपूर्ण स्थान के कारण गेस्ट हाउस बनाने का विचार किया जा रहा है, हालांकि, अंतिम निर्णय अभी आना बाकी है।
क्यों खास है ये जगह?
जहां यह बंगला स्थित है, वह फ्लैग स्टॉफ रोड, सिविल लाइंस क्षेत्र में है, जहाँ राजभवन, दिल्ली विधानसभा और सचिवालय भी मौजूद हैं। अधिकारी ने आगे बताया कि 1990 के दशक में एक अन्य संपत्ति, 33 शामनाथ मार्ग के बंगले को स्टेट गेस्ट हाउस बनाने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन यह योजना कुछ सालों में रद्द कर दी गई। तब से दिल्ली में कोई राज्य अतिथि गृह नहीं रहा है। AAP सरकार के दौरान, 33 शामनाथ मार्ग को दिल्ली सरकार के थिंक टैंक ‘डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली’ के लिए उपयोग किया गया था, जिसे नीति-निर्माण में सलाह देने के लिए स्थापित किया गया था।
1960 से किसके पास यह बंगला
1942 में निर्मित, 6 फ्लैग स्टॉफ रोड बंगले में मूल रूप से पांच बेडरूम और एक ऑफिस रूम है, जो लुटियंस दिल्ली क्षेत्र के बाहर सबसे बड़ी सरकारी संपत्तियों में से एक मानी जाती है। यह संपत्ति 1960 के दशक से दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधीन है। पहले इस बंगले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी प्रेम सिंह रहते थे, जिन्होंने दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में दो बार कार्य किया। इसके बाद इसे दिल्ली सरकार के वरिष्ठ नौकरशाहों को आवंटित किया गया।
2020 में हुआ था इस बंगले का रेनोवेशन
AAP सरकार ने इस बंगले के नवीनीकरण का निर्णय तब लिया जब 2020 के मानसून के दौरान इसकी छत का एक हिस्सा गिर गया था और थोड़े समय बाद एक शौचालय की छत भी ढह गई थी। इसके बाद किए गए संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट में इसके संपूर्ण नवीनीकरण की आवश्यकता पाई गई। केजरीवाल ने 2015 में अपने माता-पिता, पत्नी और दो बच्चों के साथ इस बंगले में स्थानांतरित हुए और अक्टूबर 2024 तक यहीं रहे। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद, उन्होंने यह बंगला छोड़ दिया और अपने परिवार के साथ 5, फिरोजशाह रोड स्थित बंगले में चले गए, जो कि AAP के पंजाब से राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को आधिकारिक रूप से आवंटित किया गया था।
3 दिन इस बंगले में रहीं आतिशी
तीन दिनों के लिए AAP की नई मुख्यमंत्री आतिशी इस बंगले में रहीं, लेकिन 9 अक्टूबर को PWD ने उन्हें इसे खाली करने के लिए कह दिया, क्योंकि केजरीवाल ने आधिकारिक रूप से इसे विभाग को नहीं सौंपा था। जनवरी 2025 में PWD ने आतिशी को यह बंगला देने का प्रस्ताव भी रद्द कर दिया था। इस साल की शुरुआत में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान, बीजेपी और कांग्रेस ने इस बंगले के नवीनीकरण पर खर्च की गई राशि को लेकर AAP सरकार की कड़ी आलोचना की, खासकर जब लोग कोविड-19 महामारी से जूझ रहे थे।
बीजेपी ने यह वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद उनका मुख्यमंत्री इस ‘शीश महल’ में निवास नहीं करेगा। वरिष्ठ बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने यहाँ तक कहा कि इस बंगले को गिरा दिया जाना चाहिए और इसे अपनी ‘मूल स्थिति’ में लौटाना चाहिए। बीजेपी के सत्ता में आने के तुरंत बाद, दिल्ली सरकार ने इस बंगले पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि मार्च 2020 में तत्कालीन PWD मंत्री सत्येंद्र जैन ने बंगले के ग्राउंड फ्लोर के पुनर्निर्माण और एक अतिरिक्त मंजिल जोड़ने का प्रस्ताव दिया था, जिसे ‘अत्यधिक आवश्यक’ बताया गया था। CAG रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि इस नवीनीकरण की प्रारंभिक अनुमानित लागत 7.91 करोड़ रुपये थी, लेकिन 2022 में कार्य पूरा होने तक यह बढ़कर 33.66 करोड़ रुपये हो गई।