आज, मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में लैंड फॉर जॉब मामले की सुनवाई हुई। सभी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई है, और कोर्ट ने 50 हजार के मुचलके पर बेल जारी की है। लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और बेटी हेमा यादव सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित थे। इस मामले के वकील वरूण जैन ने बताया, “एक सिक्योरिटी और 50 हजार के मुचलके पर जमानत दी गई है। गवाहों से छेड़छाड़ नहीं करनी है और देश छोड़ने से पहले कोर्ट को सूचित करना होगा। इसी शर्त पर बेल दी गई है।”
तेजस्वी यादव और लालू यादव को पहले ही जमानत मिल चुकी थी। आज कुल 70 आरोपियों को समन जारी किया गया था, जिनमें से 3-4 को समन नहीं मिला था। लगभग 50 आरोपी आज कोर्ट में पेश हुए और जिन्होंने जमानत याचिका दायर की थी, उन्हें बेल मिल गई है। तेज प्रताप और हेमा यादव के जमानत मिलने के बाद उनकी मां और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार जानबूझकर परेशान कर रही है। “जब-जब चुनाव आता है, ऐसा ही होता है। मुझे न्यायालय पर पूरा विश्वास है,” उन्होंने कहा।
इससे पहले, 25 फरवरी को कोर्ट ने आरोपियों को समन जारी किया था। उस दिन CBI द्वारा दायर की गई अंतिम चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को समन भेजा गया था। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 11 मार्च को पेश होने का आदेश दिया था। इस मामले में CBI ने लालू यादव सहित 78 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है, जिसमें 30 लोक सेवक शामिल हैं। CBI ने यह भी बताया कि रेलवे बोर्ड के अधिकारी आर.के. महाजन के खिलाफ केस की अनुमति कोर्ट से ले ली गई है और उनके खिलाफ गवाहों की सूची भी तैयार है। आगे कोर्ट इस मामले में निर्णय लेगा।
16 जनवरी को अदालत ने कहा था कि यदि 30 जनवरी तक महाजन के खिलाफ स्वीकृति नहीं मिलती, तो सक्षम अधिकारी को स्पष्टीकरण देना होगा। लैंड फॉर जॉब्स मामले में 20 जनवरी 2024 को ED की दिल्ली और पटना टीम के अधिकारियों ने लालू और तेजस्वी यादव से 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। ED सूत्रों के अनुसार, लालू प्रसाद से 50 से अधिक सवाल पूछे गए थे, जिनका उन्होंने ज्यादातर उत्तर हां या ना में दिया। पूछताछ के दौरान लालू कई बार झल्ला गए थे। वहीं, तेजस्वी से 30 जनवरी को लगभग 10-11 घंटे तक पूछताछ की गई थी।
अब हम लैंड फॉर जॉब डील के खेल को 7 महत्वपूर्ण बिंदुओं में समझते हैं:
**डील 1:** CBI ने प्रारंभिक जांच में पाया कि 6 फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी 3,375 वर्ग फीट जमीन केवल 3.75 लाख रुपए में राबड़ी देवी को बेची। इसके साथ ही, उसी वर्ष उनके परिवार के 3 सदस्यों को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई।
**डील 2:** फरवरी 2008 में पटना के महुआ बाग के संजय राय ने भी केवल 3.75 लाख रुपए में 3,375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेची। CBI ने यह पाया कि संजय राय के अलावा उनके परिवार के 2 अन्य सदस्यों को रेलवे में नौकरी मिली थी।
**डील 3:** पटना की किरण देवी ने नवंबर 2007 में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन केवल 3.70 लाख रुपए में लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेची। इसके बाद 2008 में, किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को सेंट्रल रेलवे मुंबई में नौकरी मिल गई।
**डील 4:** फरवरी 2007 में पटना निवासी हजारी राय ने अपनी 9,527 स्क्वायर फीट जमीन 10.83 लाख रुपए में दिल्ली की एके इंफो सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को बेची। बाद में, हजारी राय के 2 भतीजों को रेलवे में नौकरी मिल गई। CBI ने पाया कि एके इंफोसिस्टम्स की सभी संपत्ति 2014 में लालू प्रसाद यादव की बेटी और पत्नी को दे दी गई थी।
**डील 5:** पटना के लाल बाबू राय ने मई 2015 में 13 लाख रुपए में अपनी 1,360 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी के नाम कर दी। CBI की जांच में पता चला कि उनके बेटे को 2006 में नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे जयपुर में नौकरी मिली थी।
**डील 6:** बृज नंदन राय ने मार्च 2008 में 3,375 वर्ग फीट जमीन गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख रुपए में बेची। हृदयानंद चौधरी को 2005 में ईस्ट-सेंट्रल रेलवे हाजीपुर में नौकरी मिली। 2014 में, हृदयानंद ने इस जमीन को लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा को ट्रांसफर कर दिया।
**डील 7:** विशुन देव राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फीट की जमीन सीवान निवासी ललन चौधरी को दे दी। ललन के पोते को 2008 में वेस्टर्न रेलवे मुंबई में नौकरी मिली। इसके बाद, ललन चौधरी ने 2014 में यह जमीन हेमा यादव को दे दी।