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सैम पित्रोदा के खिलाफ कर्नाटक में FIR: वन विभाग की भूमि पर उनके एनजीओ द्वारा अस्पताल; 14 साल पहले लीज समाप्त, फिर भी कब्जा बनाए रखा।

कर्नाटक में सोमवार को राहुल गांधी के करीबी सहयोगी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम … सैम पित्रोदा के खिलाफ कर्नाटक में FIR: वन विभाग की भूमि पर उनके एनजीओ द्वारा अस्पताल; 14 साल पहले लीज समाप्त, फिर भी कब्जा बनाए रखा।Read more

सैम पित्रोदा पर कर्नाटक में FIR:वन विभाग की जमीन पर उनके NGO का अस्पताल; 14 साल पहले लीज खत्म, फिर भी कब्जा

कर्नाटक में सोमवार को राहुल गांधी के करीबी सहयोगी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के खिलाफ FIR दर्ज की गई। उनके एनजीओ, फाउंडेशन फॉर रिवाइटेलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशन (FRLHT) पर वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया गया है। बीजेपी की शिकायत के आधार पर पित्रोदा, उनके एनजीओ के एक साथी, वन विभाग के चार अधिकारियों और एक रिटायर्ड IAS अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। बीजेपी नेता और एंटी बेंगलुरु करप्शन फोरम के अध्यक्ष रमेश एनआर ने 24 फरवरी को ED और लोकायुक्त को इस मामले की शिकायत की थी, जिसके बाद आज FIR दर्ज की गई।

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शिकायत के बाद, पित्रोदा ने 27 फरवरी को X पर लिखा था कि उनके पास भारत में न तो कोई जमीन है, न घर या शेयर। उन्होंने उल्लेख किया कि 1980 के दशक में राजीव गांधी के साथ और 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह के साथ काम करते समय उन्होंने कभी कोई वेतन नहीं लिया। पित्रोदा ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने 83 साल के जीवन में कभी भी रिश्वत नहीं दी या स्वीकार की, और आरोपों को गलत बताया।

सैम पित्रोदा ने 1996 में मुंबई में FRLHT नामक एक संगठन की स्थापना की थी। उसी वर्ष, उन्होंने कर्नाटक के वन विभाग से येलहंका के पास जारकाबांडे कावल में 5 हेक्टेयर (12.35 एकड़) जंगल की जमीन 5 साल के लिए लीज पर ली थी। 2001 में इस लीज को 10 साल के लिए बढ़ा दिया गया था, लेकिन 2011 में लीज समाप्त हो गई। इसके बावजूद, पित्रोदा और उनके सहयोगी इस भूमि पर कब्जा बनाए हुए हैं और आयुर्वेद अस्पताल चला रहे हैं। इसके अतिरिक्त, इस भूमि पर अनुमति के बिना निर्माण भी किया गया है, जिसकी कीमत 150 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।

FIR में नामित व्यक्तियों में सैम पित्रोदा के अलावा उनके एनजीओ FRLHT के साथी दर्शन शंकर, वन और पर्यावरण विभाग के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव रिटायर्ड IAS जावेद अख्तर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरके सिंह, संजय मोहन, बेंगलुरु शहरी डिवीजन के उप वन संरक्षक एन रवींद्र कुमार और एसएस रविशंकर शामिल हैं।

बीजेपी नेता रमेश ने बताया कि FRLHT ने कर्नाटक राज्य वन विभाग से औषधीय जड़ी-बूटियों के संरक्षण और शोध के लिए रिजर्व वन क्षेत्र को लीज पर देने का अनुरोध किया था। यह लीज 2 दिसंबर 2011 को समाप्त हो गई थी, लेकिन इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। जब लीज खत्म हो गई, तो जमीन वन विभाग को वापस की जानी चाहिए थी। रमेश ने आरोप लगाया कि वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले 14 वर्षों में इस जमीन को वापस लेने का कोई प्रयास नहीं किया।

सैम पित्रोदा पहले भी कई विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि भारत में पूर्वी लोग चीनी और दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकी दिखाई देते हैं, जिस पर काफी विवाद हुआ था। बीजेपी ने इस पर हंगामा किया और कांग्रेस ने पित्रोदा के बयान से दूरी बना ली थी, यह कहते हुए कि यह भारत की विविधता की सही परिभाषा नहीं है। इसके बाद, उन्हें 8 मई, 2024 को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था, हालांकि 26 जून को उन्हें फिर से इस पद पर नियुक्त किया गया।

पित्रोदा ने 18 फरवरी को कहा था कि भारत को चीन को अपना दुश्मन मानना बंद कर देना चाहिए, जिस पर कांग्रेस ने भी उनसे दूरी बना ली थी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि पित्रोदा के विचार कांग्रेस के विचार नहीं हैं।

सैम पित्रोदा का जन्म 17 नवंबर 1942 को ओडिशा के बोलांगीर जिले के एक छोटे से गांव टिटलागढ़ में हुआ। उनका परिवार गुजराती था और उनका असली नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। उनके दादा एक बढ़ई और लोहार थे।

सैम ने कहा है कि राहुल गांधी में प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं और वे अपने पिता राजीव गांधी से ज्यादा समझदार हैं। उनका मानना है कि दोनों का DNA एक समान है और दोनों नेता भारत के विचारों के संरक्षक हैं।

कपिल शर्मा डिजिटल मीडिया मैनेजमेंट के क्षेत्र में एक मजबूत स्तंभ हैं और मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल से पत्रकारिता में मास्टर्स (पीजी) किया है। मीडिया इंडस्ट्री में डेस्क और ग्राउंड रिपोर्टिंग दोनों में उन्हें चार साल का अनुभव है। अगस्त 2023 से वे जागरण न्यू मीडिया और नईदुनिया I की डिजिटल टीम का हिस्सा हैं। इससे पहले वे अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। कपिल को लिंक्डइन पर फॉलो करें – linkedin.com/in/kapil-sharma-056a591bb