हरियाणा के बालेश धनखड़, जिसने 2018 में पांच कोरियन युवतियों के साथ दुष्कर्म किया, को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में ऑस्ट्रेलिया में उसके खिलाफ 39 FIR दर्ज की गई थीं। उसके घर से दुष्कर्म करते समय बनाए गए 47 वीडियो और एक हिडन कैमरा भी बरामद हुआ था। फिर भी, इस घटना की कोई जानकारी बाहर नहीं आई। यहां तक कि उसके गृहनगर रेवाड़ी में भी किसी को इस बारे में जानकारी नहीं थी। हाल ही में, सिडनी कोर्ट से 40 साल की सजा सुनाए जाने के बाद यह मामला फिर से चर्चा में आया है। इस दौरान यह भी पता चला कि उसने वहां झूठ बोलकर कानून के दुरुपयोग का फायदा उठाया।
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धनखड़ ने अदालत से सप्रेशन ऑर्डर प्राप्त किया, जिससे मीडिया को इस मामले की रिपोर्टिंग करने से रोका गया। इसके बाद, वह लगभग 5 साल तक अंडरग्राउंड रहा। चलिए, जानते हैं कि धनखड़ ने क्या झूठ बोले…
धनखड़ के अनुसार, “मैं जाट समुदाय से हूं, और यदि मेरा नाम समाचारों में आता है तो मेरे परिवार को अपमान और खतरे का सामना करना पड़ेगा।” उसने अदालत में कहा कि इस समुदाय के लोग सामाजिक नियमों का पालन करते हैं और यदि उनकी जानकारी बाहर आई तो उसके परिवार को हिंसक प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, उसने अपने राजनीतिक संबंधों का भी हवाला दिया, कहता है कि उसके बारे में खबरें आने से उसे और उसके परिवार को भारत के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया में भी खतरा हो सकता है। यह भी उल्लेखनीय है कि वह ‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ BJP’ का अध्यक्ष रह चुका है, जो भाजपा का समर्थन करता है।
ऑस्ट्रेलियन मीडिया के अनुसार, धनखड़ का यह तर्क काम कर गया। क्योंकि उसकी पत्नी भी अदालत में मौजूद होती थी, इसलिए अदालत ने उसके दावों को मान लिया। इसके परिणामस्वरूप, उसे सप्रेशन ऑर्डर मिल गया, और उसके मामले की कोई खबर प्रकाशित नहीं की जा सकी। 2018 से 2023 तक वह अंडरग्राउंड रहा, और सप्रेशन ऑर्डर के कारण मीडिया भी उसके बारे में कुछ नहीं छाप सका।
हालांकि, फरवरी 2023 में जब उसकी सुनवाई फिर से शुरू हुई तो अदालत ने सप्रेशन ऑर्डर को रद्द कर दिया। उस समय कोरियन महिलाओं के वकील ने अदालत को बताया कि धनखड़ के द्वारा दिए गए दावों का कोई प्रमाण नहीं था। इस पर न्यायामूर्ति पीटर गार्लिंग ने निष्कर्ष निकाला कि धनखड़ और उसकी पत्नी को किसी प्रकार का खतरा नहीं है, जिसके चलते सप्रेशन ऑर्डर समाप्त कर दिया गया।
7 मार्च 2025 को, सिडनी कोर्ट ने धनखड़ को 13 रेप केस समेत 39 मामलों में दोषी ठहराते हुए 40 साल की सजा सुनाई। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उसे 30 साल तक कोई पैरोल नहीं मिलेगी। इस सजा के बाद, उसका मामला ऑस्ट्रेलिया से लेकर भारत तक सुर्खियों में आ गया।
हरियाणा के रेवाड़ी के रहने वाले इस सीरियल रेपिस्ट ने ऑस्ट्रेलिया में 5 कोरियन युवतियों के साथ दुष्कर्म किया। इसके लिए उसने ड्रग्स का इस्तेमाल किया, जिससे युवतियों को न तो घटना का पता चला और न ही उन्हें कुछ याद रहा। वह उन्हें डिनर के बहाने वाइन में ड्रग मिलाकर देता था, और फिर उनके साथ दुष्कर्म करता था। इस कारण कई कोरियन युवतियों ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उनके साथ रेप हुआ या नहीं।